जम्मू कश्मीर: सुरक्षाबलों ने पकड़ा 19 साल का आतंकवादी, बताया, किस मजबूरी में उठानी पड़ी बंदूक

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जम्मू कश्मीर। भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के उरी में पाकिस्तान की एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है। साल 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक की एनिवर्सिरी से ठीक पहले पाकिस्तान की तरफ से कई आतंकी कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे लेकिन सेना की सतर्कता की वजह से वह कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। इसी कड़ी में सेना एक बड़ी कामयाबी मिली है उसने लश्कर ए तैयबा के एक आतंकी को जिंदा पकड़ लिया है।

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इन पूरे ऑपरेशन की जानकारी आर्मी के अफसरों द्वारा मंगलवार दोपहर को दी गई। उन्होंने बताया कि 18-19 सितंबर पेट्रोलिंग के दौरान सुरक्षा बलों को बॉर्डर पर पाकिस्तान की ओर से घुसपैठिए आते देखा था, तबसे उन्हें पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया गया था। पिछले सात दिनों में सात आतंकियों को मार गिराया गया है जबकि एक को जिन्दा पकड़ लिया गया है। सेना ने जिस आतंकी को पकड़ा गया है उसकी उम्र सिर्फ 19 साल है। आतंकी का नाम अली बाबर है और यह लश्कर ए तैयबा से जुड़ा है।

पाकिस्तान के पंजाब के दिपलपुर में गांव वासेववाला से ताल्लुक रखने वाले आतंकी अली बाबर ने सातवीं तक की पढ़ाई की है। इतनी कम उम्र में ही वह आतंक के रास्ते पर चल निकला और सीधा भारत में ऑपरेशन के लिए आ गया। जानकारी के मुताबिक, 25 सितंबर को सर्च ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तानी आतंकी अतीक उर रहमान को मार गिराया गया था। उसी के बाद उसके साथ मौजूद अली बाबर ने सरेंडर कर दिया था। बाबर ने बताया कि सभी 6 आतंकी पाकिस्तान के पंजाब के रहने वाले थे।

अली बाबर ने पिता की मौत के बाद पैसे के लिए आतंकी संगठन लश्कर को ज्वाइन किया था। उसके घर पर मां और बहन है। बाबर से साल 2019 में खैबर पख्तनूवा में ट्रेनिंग ली थी। उसने बताया कि उसकी मां बीमार रहती है जिसके इलाज के लिए अतीक उर रहमान ने उसे 20 हजार रुपये देने की बात कही थी, जबकि 30 हजार रुपये वापसी पर देने थे।

गौरतलब है कि उरी में सुरक्षाबलों ने जो ऑपरेशन चलाया, वह पिछले 10 दिनों की मेहनत है। बीते 18-19 सितंबर को लगभग 6 आतंकियों को कश्मीर में घुसपैठ करते हुए देखा गया था जबकि दो आतंकी भारत की तरफ थे। इनमें से एक को मार गिराया गया और दूसरे को जिंदा पकड़ लिया गया। ये सभी आतंकी भारत में हथियार सप्लाई करने आ रहे थे।

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