जियो ने पेश किया नया टैरिफ प्लान, ज्यादा आईयूसी मिनट के साथ

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नई दिल्ली॥ रिलायंस जियो इंफोकॉम ने नया टैरिफ प्लान पेश किया है, जिसमें अतिरिक्त इंटरकनेक्ट यूजर चार्जेज (आईयूसी) पहले से शामिल हैं। उद्योग जगत के जानकारों के अनुसार कंपनी ने यह कदम आईयूसी चार्ज शुरू होने के बाद ग्राहकों को अन्य कंपनियों के पाले में जाने से रोकने के लिए उठाया है।

मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली दूरसंचार कंपनी नए टैरिफ प्लान के साथ ग्राहकों को ज्यादा दाम वाले प्लान की तरफ लुभाकर आमदनी भी बढ़ाना चाहती है। जियो के नए प्री-पेड प्लान की कीमत 222, 333, 444 और 555 रुपए है, जो क्रमश: 28, 56 और 84 (आखिरी दो प्लान) दिनों की वैधता के साथ आते हैं। इन सभी प्लान में 1000 आईयूसी मिनट मिलते हैं, जिनका इस्तेमाल ग्राहक प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के नेटवर्क पर कॉल करने के लिए कर सकते हैं।

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कंपनी के मुताबिक, 1000 मिनट की अलग से कीमत 80 रुपए पड़ती। इन प्लान में ग्राहकों को क्रमश: 56जीबी, 112जीबी और 168जीबी डेटा भी मिलेगा। आईयूसी चार्ज का मामला जोर पकड़ने के बाद यह कंपनी का दूसरा बदलाव है। पिछले हफ्ते जियो ने प्रतिद्वंद्वी टेलीकॉम कंपनियों को आईयूसी चार्ज का भुगतान करने के लिए 6 पैसे प्रति मिनट वसूलने की बात कही थी।

कंपनी के इस ऐलान को लेकर उपभोक्ताओं ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की थी। कइयों का कहना था कि टेलीकॉम कंपनी लाइफटाइम मुफ्त कॉल की सुविधा देने के वादे से मुंह फेर रही है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि कंपनी ने 19 और 52 रुपए का प्लान खत्म कर दिया है। अब जियो का प्रीपेड सब्सक्राइबर्स के लिए सबसे सस्ता प्लान 98 रुपए का है।

ब्रोकरेज फर्म दौलत कैपिटल के हिमांशु शाह ने कहा ऐसा लगता है कि ग्राहकों को 6 पैसा प्रति मिनट वाला प्लान रास नहीं आया। पुरानी टेलीकॉम कंपनियां वित्तीय दबाव के बावजूद जियो के प्लान पर प्रतिक्रिया देने से बच रही हैं। उन्होंने इशारा किया कि जियो के 35 करोड़ में से कुछ उपभोक्ता भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों के पाले में जा सकते हैं। दोनों पुरानी टेलीकॉम कंपनियों ने जियो उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए सोशल मीडिया अभियान शुरू किया था।

आईयूसी चार्ज वह कंपनी देती है, जिसके नेटवर्क पर कॉल खत्म होती है। टेलीकॉम रेगुलेटर ने जीरो-आईयूसी रिजीम शुरू करने पर जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया की राय मांगी थी, जो जनवरी 2020 से लागू होने वाला था। तभी से यह जियो और पुरानी दूरसंचार कंपनियों के बीच विवाद का मसला बन गया था। जियो चार्ज खत्म होने के पक्ष में है। इससे कंपनी को आईयूसी भुगतान से राहत मिलेगी। वहीं, पुरानी कंपनियां इस सिस्टम को बनाए रखने के पक्ष में हैं, क्योंकि इससे उन्हें अच्छी आमदनी होती है।

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