अमेरिका में 46वें प्रेसिडेंट पद की शपथ लेने के साथ ही प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने कामकाज संभालते हुए पहले ही दिन एक के बाद एक कई अहम फैसले लिए हैं। उन्होंने पहले ही दिन 17 एग्जक्यूटिव ऑर्डर पर दस्तखत किए। उन्होंने अमेरिका में मास्क पहनने को जरूरी किए जाने वाले ऑर्डर पर साइन किए।
पहली बार प्रेसिडेंट कार्यालय (ओवल ऑफिस) पहुंचकर बाइडेन ने मीडिया से कहा, ‘मुझे कई काम करने हैं, इसलिए मैं यहां हूं। मुझे लगता है कि मेरे पास बिल्कुल समय नहीं है। मैं काम शुरू करने जा रहा हूं। मैं पहले ही बता चुका हूं कि अगले 7 दिनों में कई एग्जीक्यूटिव ऑर्डर्स पर साइन करूंगा।’
सबसे पहले बाइडेन ने कोरोनावायरस को लेकर ऑर्डर साइन किया। इसके अंतर्गत मास्क को फेडरल प्रॉपर्टी घोषित किया गया है यानी हर व्यक्ति को महामारी के दौरान मास्क लगाना जरूरी होगा। अगर आप सरकारी बिल्डिंग में हैं या कोरोना हेल्थवर्कर हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग रखना जरूरी होगा। ट्रम्प ने मास्क लेकर कोई सख्ती नहीं की थी।
7 मुस्लिम देशों इराक, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन पर लगा ट्रैवल बैन हटा दिया। ट्रम्प ने 2017 में यह बैन अपने कार्यकाल के पहले हफ्ते लगाया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया था, जिसे 2018 में कोर्ट ने बरकरार रखा था।
अमेरिका फिर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का सदस्य होगा। बाइडेन ने पिछले साल जुलाई में कहा था कि अगर अमेरिका ग्लोबल हेल्थ को मजबूत करेगा तो वह खुद भी सुरक्षित रहेगा। प्रेसिडेंट बनने के पहले दिन ही अमेरिका की डब्ल्यूएचओ में वापसी कराऊंगा। ट्रम्प ने पिछले साल अमेरिका को डब्ल्यूएचओ से हटाने का फैसला किया था।
अमेरिका पेरिस समझौते में फिर से शामिल होगा। ट्रम्प ने 2019 में इस समझौते से बाहर जाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि भारत, चीन और रूस धड़ल्ले से प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं। वहीं, अमेरिका इस मामले में बेहतर काम कर रहा है। उन्होंने कहा था कि इस समझौते से बाहर होने के बाद अमेरिका 70 सालों में पहली बार तेल और प्राकृतिक गैस का नंबर एक उत्पादक बन गया है। बाइडेन ने मैक्सिको बॉर्डर की फंडिंग पर भी रोक लगा दी है। ट्रम्प ने मैक्सिको से आने वाले प्रवासियों को देखते हुए दीवार बनाए जाने को नेशनल इमरजेंसी बताया था।
बाइडेन जूनियर ने कैपिटल हिल में हुई इनॉगरल सेरेमनी में शपथ ली। उन्होंने 128 साल पुरानी बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ ली। महज 14 दिन पहले कैपिटल हिल में हुई हिंसा का जिक्र भी बाइडेन के भाषण में होता रहा। उन्होंने 22 मिनट में 2381 शब्दों का भाषण दिया। 12 बार डेमोक्रेसी, 9 बार यूनिटी, 5 बार असहमति और 3 बार डर शब्द का इस्तेमाल किया।
बाइडेन की इनॉगरल स्पीच में निशाने पर पूर्व प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प भी रहे। उन्होंने तंज किया कि जो प्रेसिडेंट यहां नहीं आए हैं, उनका भी शुक्रिया। 7 जनवरी को हुई हिंसा पर उन्होंने कहा कि आज हम जहां खड़े हैं, वहां कुछ दिन पहले भीड़ थी। उन लोगों ने सोचा था कि वह हिंसा से जनता की इच्छा को बदल देंगे। लोकतंत्र को रोक देंगे, हमें इस पवित्र जगह से हटा देंगे। ऐसा नहीं हुआ। ऐसा नहीं होगा। न आज, न कल और कभी नहीं।