IPL के दूसरे क्वालीफायर में DC को KKR से 3 विकेट से हार मिली। इससे पहले दिल्ली को पहले क्वालीफायर में CSK ने हराया था। इसके साथ ही दिल्ली का IPL में पहला खिताब जीतने का सपना टूट गया। अब सवाल यह है कि IPL 2021 में धमाकेदार तरीके से शुरुआत करने वाली दिल्ली की टीम आखिर अपने अंतिम पड़ाव पर कैसे डगमगा गई। पूरे टूर्नामेंट में टीम की अगुवाई करने वाले रिषभ पंत कैसे पिछले दो मैचों से चूक गए। आइए जानते हैं।
कैपिटल्स ने IPL के 14वें सीजन में अपने पहले मैच में CSK को 7 विकेट से हराकर अन्य टीमों को संकेत दिया कि वे उन्हें कम करके नहीं आंकें। दिल्ली की टीम 14 में से 10 मैच जीतकर और 4 मैच हारकर प्वाइंट टेबल में शीर्ष पर है। श्रेयस अय्यर के चोटिल होने से रिषभ पंत को टीम की कमान मिली है।
अवेश खान, एनरिक नोकिया और कैगिसो रबाडा जैसी आक्रामक गेंदबाजी और पृथ्वी शॉ, शिखर धवन और स्टोइनिस जैसे मजबूत बल्लेबाजों ने टीम को प्लेऑफ में पहुंचाया। पंत ने न सिर्फ IPL में अपनी कप्तानी की अच्छी मिसाल कायम की बल्कि लोग उन्हें भारतीय टीम के कप्तान के तौर पर देखने लगे और दिग्गजों ने भी उनकी कप्तानी की तारीफ की। दिल्ली की टीम ने लीग के लगभग सभी मैच निडर होकर खेले और IPL 2021 के खिताब की प्रमुख दावेदारों में से एक थी।
दिल्ली ने पहले बैटिंग करते हुए 5 विकेट के नुकसान पर 172 रन बनाए। CSK ने 19।4 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर जीत का लक्ष्य हासिल कर 4 विकेट से जीत दर्ज की। इस मैच में पंत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए गलती की। उन्होंने अपनी पारी के दौरान चार गेंदें बर्बाद कीं।
पहले 19 ओवर की लॉस्ट गेंद पर उन्होंने एक रन लेने से इनकार कर दिया ताकि उन्हें अपने अगले ओवर में स्ट्राइक मिल सके। पंत ने 20वें ओवर की पहली तीन गेंदों पर एक शॉट लगाया किंतु एक रन नहीं लिया जबकि दूसरे छोर पर टॉम कुरेन भी दूसरे छोर पर बड़े शॉट लगा सकते थे।
यदि इन चार गेंदों में तीन रन भी बन जाते तो शायद मैच का नतीजा कुछ और होता। इसके बाद पंत ने 20वें ओवर में टॉम को गेंदबाजी करने के लिए बुलाया जबकि डेथ ओवर गेंदबाज कैगिसो रबाडा का एक ओवर शेष रह गया। यह और भी चौंकाने वाला फैसला था क्योंकि इतना अनुभवी बॉलर होने के बाद भी किसी कम अनुभवी खिलाड़ी को गेंद सौंपना समझ से परे था।
अब बात करते हैं दूसरे क्वालिफायर की। जहां केकेआर के विरूद्द दूसरे क्वालीफायर में दिल्ली के बल्लेबाजों ने बेहतीरन शुरुआत की। किंतु मध्यक्रम के बल्लेबाजों ने काफी निराश किया। धवन और अय्यर को छोड़कर कोई भी बैट्समैन 20 से ज्यादा रन नहीं बना सका। DC के गेंदबाज शुरुआत में विकेट नहीं ले पाए।
लॉस्ट ओवर में गेंदबाज वापस आए किंतु तब तक बहुत देर हो चुकी थी। हैरान करने वाली बात ये है कि दिल्ली के गेंदबाजों ने आईपीएल के सभी मैचों के पावरप्ले के दौरान 10 बार से ज्यादा 2 विकेट लिए हैं। ऋषभ की कप्तानी में दिल्ली का सफर शानदार रहा। टीम कल लीग से बाहर हो गई थी। रिषभ पंत बड़े मैच का दबाव नहीं संभाल पाए। इन दोनों मैचों में अनुभव की कमी रही। यही वजह रही कि टीम फाइनल में नहीं पहुंच पाई।