नई दिल्ली, 01 अक्टूबर। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने जेएनयू के छात्र शरजील इमाम को दिल्ली हिंसा (Delhi violence) के मामले में यूएपीए के तहत दर्ज मामले में 22 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने ये आदेश दिया।
गुरुवार को शरजील इमाम (Sharjeel Imam) की न्यायिक हिरासत खत्म हो रही थी जिसके बाद शरजील को वीडियो कांफ्रेंसिंग (Video conferencing) के जरिये पेश किया गया था। शरजील की न्यायिक हिरासत बढ़ाने का शरजील की वकील सुरभि दास ने विरोध किया।
शरजील इमाम को दिल्ली हिंसा के मामले में पिछले 25 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ यूएपीए के तहत दाखिल चार्जशीट में कहा है कि शरजील इमाम ने नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship amendment law) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को अखिल भारतीय स्तर पर ले जाने के लिए बेताब था और ऐसा करने की जी तोड़ कोशिश कर रहा था।
शरजील इमाम को दिल्ली पुलिस असम से दिल्ली लेकर आई थी। दिल्ली हिंसा में साजिश रचने के मामले में जिन आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत आरोप दर्ज किया गया है उनमें शरजील इमाम के अलावा पिंजरा तोड़ संगठन की कार्यकर्ता देवांगन कलीता, नताशा नरवाल, जामिया युनिवर्सिटी के छात्र आसिफ इकबाल तान्हा, गुलफिशा फातिमा, पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां, सफूरा जरगर, मीरान हैदर, शिफा उर रहमान, ताहिर हुसैन, खालिद सैफी और उमर खालिद के नाम शामिल है।
शरजील इमाम को शाहीन बाग (Shaheen bagh) में आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में बिहार से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के मुताबिक जामिया हिंसा की जांच के दौरान एक आरोपी ने कहा कि उसने शरजील इमाम के भाषण से प्रभावित होकर हिंसा को अंजाम दिया।
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi high court) ने पिछले 10 जुलाई को शरजील इमाम की उसके खिलाफ जांच की अवधि 90 दिनों से बढ़ाकर 180 दिन करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी।