नई दिल्ली॥ न्यूजीलैंड़ के क्राइस्टचर्च में 2 मस्जिदों पर हमला करने वाले ब्रेंटन हैरिसन टारेंट को 27 अगस्त को एक अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई और इस दौरान वह पैरोल भी नहीं ले सकता। इन हमलों में 51 लोगों की मौत हुई थी। जज कैमरॉन मेंडर ने ऑस्ट्रेलाई हमलावर ब्रेंटन हैरिसन टारेंट (29) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
जज ने कहा कि टारेंट का अपराध इतना क्रूर है कि उम्रकैद की सजा उसके प्रायश्चित के लिए काफी नहीं हो सकती। मेंडर ने कहा, ”तुम्हारी हरकत अमानवीय थी। तुमने जानबूझकर तीन साल के एक बच्चे की हत्या की, जो अपने पिता के पैर से लिपटा था।”
इससे पहले कोर्ट में बुधवार (26 अगस्त) को मस्जिद फायरिंग मामले की सुनवाई के दौरान लोगों की आंखों में तब आंसू आ गए जब एक बेटी ने अपने मारे गए पिता को कविता के शब्दों में याद किया। कोर्ट में क्राइस्टचर्च के दो मस्जिदों में हुई गोलीबारी के मामले में आरोपी की सजा तय की जा रही थी। आरोपी ब्रेनटन हारिसन टारांट को सजा सुनाने के लिए निर्धारित चार दिन की सुनवाई में तीसरे दिन कासिम ने अपने पिता की याद में सबको इमोशनल कर दिया।
आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया मूल के ब्रेंटन टारेंट (29) ने बीते वर्ष 15 मार्च को मध्य क्राइस्टचर्च की अल नूर मस्जिद और शहर के बाहरी हिस्से में लिनवुड मस्जिद पर गोलीबारी की थी। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारित भी किया गया था। 29 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई को हत्या, हत्या के प्रयास और आतंकवाद के लिए दोषी ठहराया गया था। सजा पर फैसले के लिए सुनवाई चार दिन तक चली और इस दौरान हमले के 90 पीड़ितों और उनके परिवार के सदस्यों ने एक बार फिर हमले का वो खूनी मंजर याद किया।