नई दिल्ली॥ नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा यह प्रस्तावित कानून देश की संस्कृति की वसुधैव कुटुम्बकम् की हजारों साल पुरानी अवधारणा और डॉ भीमराव आम्बेडकर रचित संविधान की मूल भावना के विरूद्ध है।
सिंधिया ने कहा, हमारे संविधान के निर्माता बाबा साहब आंबेडकर ने कहा था कि भारत में बसे हर व्यक्ति को किसी जाति या धर्म विशेष के दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि देश के एक नागरिक के रूप में देखा जाएगा। ऐसे में यह विधेयक (नागरिकता संशोधन विधेयक) संविधान की मूल भावना के विपरीत है, क्योंकि देश के नागरिकों को उनके धर्म के आधार पर पहले कभी नहीं देखा गया था।
उन्होंने कहा नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) भारतीय संस्कृति की वसुधैव कुटुम्बकम् की उस हजारों साल पुरानी अवधारणा के भी खिलाफ है जिसके तहत देश की माटी ने हमेशा सबको अपनाया है। सिंधिया ने कहा, कांग्रेस ही नहीं, बहुत सारी पार्टियां इस विधेयक के खिलाफ हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों और कुछ अन्य सूबों में लोग सड़क पर उतरकर इसका विरोध कर रहे हैं।