बड़ी खबर : सोनिया गांधी से मिले कमलनाथ, बनेंगे कांग्रेस अध्यक्ष, गांधी परिवार के बाहर जाएगी पार्टी की कमान!

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नई दिल्ली कांग्रेस में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। गुरुवार को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने उनके आवास 10 जनपद पहुंचे। इस दौरान पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी भी मौजूद थी। यह मुलाक़ात एक घंटे से ज्यादा चली। कयास लगाए जा रहे हैं कि कमलनाथ कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बन सकते हैं। इस तरह कयास लगाए जा रहे हैं कि दो दशक से अधिक समय के बाद कांग्रेस पार्टी की कमान गैर गांधी परिवार के हाथ में होगी।

sonia kamalnath

मौजूदा समय में कमलनाथ कांग्रेस के सबसे वफादार नेता माने जाते हैं। पार्टी में उनकी अच्छी पकड़ है और वरिष्ठ नेताओं से भी अच्छे संबंध हैं। कमलाथ राहुल गांधी के भी पसंदीदा नेताओं में गिने जाते हैं। गांधी परिवार के अति घनिष्ट माने जाने वाले कमलनाथ मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा से नौ बार के लोकसभा सांसद रहे हैं। वर्ष 2018 में वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बने, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद मार्च 2020 में उनकी सरकार गिर गई।

कमलनाथ के नाम पर लग चुकी है मुहर

सूत्रों के मुताबिक़ गत दिनों कमलनाथ के ही कहने पर प्रशांत किशोर राहुल गांधी से मिले थे। यह भी कहा जा रहा है कि कमलनाथ को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर सोनिया गांधी कई संदेश भी देना चाहेंगी। हालांकि संसद के मॉनसून सत्र के बाद पार्टी का पूर्णकालिक अध्यक्ष चुने जाने की बात भी कही जा रही है। सूत्रों की माने तो फिलहाल, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के लिए कमलनाथ का नाम लगभग फाइनल हो चुका है।

सूत्रों के मुताबिक़ इस मुकालत में तीनों नेताओं के बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर भी चर्चा हुई है। फिलहाल राहुल गांधी से मुलाक़ात के दौरान उनसे पार्टी में अहम जिम्मेदारी निभाने का आग्रह किया गया था। हालांकि अंतिम निर्णय पीके को ही करना है।

उल्लेखनीय है कि 2019 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि नया अध्यक्ष गांधी परिवार के बाहर का व्यक्ति चुना जाए। उसके बाद से ही सोनिया गांधी बतौर कार्यकारी अध्यक्ष कांग्रेस की गाड़ी खिंच रही हैं। इसके अलावा अगले साल यूपी और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव की अधिघोषणा से पहले ही कांग्रेस अपना सांगठनिक ढांचा दुरुस्त कर लेना चाहती है

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