नई दिल्ली॥ पूर्व CM कमल नाथ ने नष्ट सोयाबीन फसलों का तत्काल सर्वे करवा कर किसानों को राहत राशि देने की मांग की है। उन्होंने सीएम शिवराज को पत्र के माध्यम से मांग करते हुए कहा है कि यह सही वक्त है जब कांग्रेस द्वारा की गयी कर्ज माफ़ी की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाये ताकि, किसानों के नुक्सान की पूरी भरपाई हो सके।
कमलनाथ ने अपने पत्र में कहा कि सीहोर, देवास, हरदा, होशंगाबाद सहित प्रदेश के सोयाबीन उत्पादक जिलों में पीला मोजेक रोग एवं तना छेदक मक्खी के कारण किसानों की सोयाबीन की फसल पूरी तरह नष्ट हो गयी है। इसके कारण किसान जिन्होंने कर्ज लेकर सोयाबीन की फसल उगाई थी उनके सामने संकट खड़ा हो गया है।
ये संकट इसलिये भी अधिक गंभीर है क्यूंकि हमारे प्रदेश के किसान कोरोना महामारी के काल में उपज की बिक्री न होने और फसल का उचित मूल्य न मिल पाने से पहले से ही परेशान था। उन्होंने कहा कि किसानों का हितैषी बनने का दावा करने वाली भाजपा सरकार ने विकट परिस्थितियों में भी अब तक किसानों को कोई राहत प्रदान नहीं की है, ना ही इस दिशा में कोई प्रयास किये जा रहे हैं।
पूर्व CM ने सीएम शिवराज को पूर्व की घोषणा की याद दिलाते हुए कहा कि इसके पूर्व भी CM ने उड़द एवं मूंग को भी समर्थन मूल्य पर खरीदी करने की घोषणा की थी, लेकिन आदतानुसार यह घोषणा भी पूरी नहीं की गयी। समय पर मक्का खरीदी न होने के कारण मक्का किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ भी नहीं मिल पाया।
स्पष्ट है कि भाजपा सरकार की नीयत और नीति किसानों के प्रति असंवेदनशील है। कमलनाथ ने कहा की कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों के कर्ज माफ़ करने के लिये शुरू की गयी जय किसान फसल ऋण माफ़ी योजना भी भाजपा ने सरकार में आने के बाद बंद कर दी। उन्होंने कहा की इस संकट के समय में सरकार को चाहिए की वह कर्ज माफ़ी की प्रक्रिया फिर से शुरू करे और जून 2020 से शुरू होने वाले तीसरे चरण के कर्ज माफ़ी की प्रक्रिया प्रारंभ करें। उन्होंने फसल बीमा का लाभ भी किसानों को अविलम्ब देने की मांग की।