शिवसेना पर कंगना ने फिर ऐसे साधा निशाना, सोनिया गाँधी को भी घसीटा

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फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत और शिवसेना के बीच शुरू हुई जुबानी जंग ने अब एक व्यापक रूप ले लिया है। बीएमसी द्वारा बुधवार को कंगना रनौत का ऑफिस तोड़े जाने के बाद बॉलीवुड की क्वीन और शिवसेना के बीच शुरू हुए विवाद ने काफी तुल पकड़ लिया है। एक तरफ जहां अब यह मामला कोर्ट में है, वहीं कंगना बीएमसी द्वारा की गई इस कार्रवाई के विरोध में लगातार ट्वीट कर रही हैं।

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शिवसेना नेता संजय राउत से शुरू हुई कंगना की बहस अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पूरी शिवसेना तक पहुंच चुकी है। बुधवार को महाराष्ट्र सरकार को खुली चुनौती देने के बाद कंगना ने गुरुवार को शिवसेना को आड़े हाथों लिया। कंगना ने शिवसेना पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया-‘जिस विचारधारा पर श्री बाला साहेब ठाकरे ने शिव सेना का निर्माण किया था आज वो सत्ता के लिए उसी विचारधारा को बेच कर शिव सेना से सोनिया सेना बन चुके हैं, जिन गुंडों ने मेरे पीछे से मेरा घर तोड़ा उनको सिविक बॉडी मत बोलो, संविधान का इतना बड़ा अपमान मत करो।’

उद्धव ठाकरे पर भी हमला

इसके बाद कंगना ने एक और ट्वीट करते हुए उद्धव ठाकरे पर भी हमला बोला है। कंगना ने लिखा-‘तुम्हारे पिताजी के अच्छे कर्म तुम्हें दौलत तो दे सकते हैं मगर सम्मान तुम्हें खुद कमाना पड़ता है, मेरा मुंह बंद करोगे मगर मेरी आवाज मेरे बाद सौ फिर लाखों में गूंजेगी, कितने मुंह बंद करोगे? कितनी आवाज़ें दबाओगे? कब तक सच्चाई से भागोगे तुम कुछ नहीं हो सिर्फ वंशवाद का एक नमूना हो

सोशल मीडिया पर कंगना का यह ट्वीट चर्चा में हैं। इससे पहले कंगना ने एक ट्वीट कर उन सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया था। जो कंगना के विरोध में हुई इस कार्रवाई से चिंतित थे। उन्होंने एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा-‘मैं अपनी मुंबई में हूं, अपने घर में हूं मुझपे वार भी हुआ तो पीठ पीछे जब मैं फ्लाइट में थी, सामने नोटिस देने की या वार करने की हिम्मत नहीं है मेरे दुश्मनों में ये जानकर अच्छा लगा, बहुत लोग मुझे पहुंचाई हुई हानि से दुखी और चिंतित हैं मैं उनके आशीर्वाद और स्नेह की आभारी हूं।’

कंगना रनौत और शिवसेना के बीच बीते कुछ दिनों से चल रही जुबानी जंग में शिवसेना ने कंगना को मुंबई ना आने की सलाह दी थी जिसके जवाब में कंगना ने चुनौती दी थी कि वह नौ सितंबर को मुंबई आ रही है। कंगना के मुंबई पहुंचने से पहले ही उनके मुंबई ऑफिस में बीएमसी ने अवैध निर्माण बताते हुई तोड़फोड़ की कार्रवाई की। इसके बाद इस मामले ने एक राजनीतिक और व्यापक रूप ले लिया है।

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