कानपुर, 04 अगस्त। जिले के चौबेपुर थाना के बिकरू कांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे के एनकाउंटर की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज समेत आयोग के सदस्य बुधवार को कानपुर में हुए बिकरु कांड की जांच करने पहुंचे।
आयोग में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बीएस चौहान और पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता समेत तीन सदस्यीय कमेटी हैं। आयोग को इस मामले में दो माह में जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपनी है। इससे पहले चौहान कमीशन की पहली बैठक लखनऊ में हुई। इसमें आयोग के सदस्यों का परिचय हुआ और रूपरेखा बनाई गई।
बता दें कि इसके बाद आयोग के सदस्य विकास दुबे एनकाउंटर मामले की जांच (इंक्वायरी) करने के लिए कानपुर रवाना हुए। यहां पहुंचने के बाद आयोग के सदस्य कुछ देर सर्किट हाउस में रुके और फिर वहां से चौबेपुर थाना इलाके में स्थित बिकरू गांव के लिए रवाना हो गए। गांव में रहने वालों से घटना वाली रात को विकास दुबे गैंग द्वारा पुलिस कर्मियों पर किए जानलेवा हमले बाबत पूछताछ की। जिन स्थानों पर पुलिसकर्मियों के रक्तरंजित शव मिले थे, उन लोगों से भी गहन जानकारी जुटाई गई।
साक्ष्यों को जुटाकर रिपोर्ट तैयार करने के साथ नक्शा व सिजरा का रेखांकित किया गया। जांच रिपोर्ट तैयार करने के बाद आयोग के सदस्य देर शाम कानपुर लौटकर रवाना हो गए। जांच के दौरान पुलिस महानिरीक्षक परिक्षेत्र (आईजी) मोहित अग्रवाल, जिलाधिकारी डॉ ब्रह्मदेव राम तिवारी, डीआईजी प्रीतिंदर सिंह सहित कई थानों की पुलिस मौजूद रहीं।
बिकरु कांड की जांच के लिए तीन सदस्यों वाले आयोग का गठन किया गया है। यह आयोग अपनी विस्तृत रिपोर्ट समयबद्ध तरीके से करने में जुटे हैं। बताते चले कि, बीते माह बिकरु गांव में मोस्टवांटेड विकास दुबे ने अपने गैंग के साथ मिलकर सीओ के साथ पहुची तीन थानों की पुलिस फोर्स पर जानलेवा हमला करते हुए अंधाधुंध गोलीबारी की। पुलिस बल पर रात के अंधेरे में ज्ञात लगाकर की गई गोलीबारी में सीओ बिल्हौर देवेन्द्र मिश्रा, एसओ चौबेपुर महेश यादव सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए।