नई दिल्ली ।। हिंदुस्तान के शीर्ष मुस्लिम संगठन जमीअत उलमा-ए-हिंद ने गुरुवार को एक बार फिर अपनी बात दृढ़ता से दोहराते हुए कहा कि कश्मीर हिंदुस्तान का अभिन्न अंग है।
संगठन ने कहा कि सभी तरह के अलगाववादी आंदोलन न केवल हिंदुस्तान के लिए, बल्कि कश्मीर के लोगों के लिए भी हानिकारक है। जमीयत की जनरल काउंसिल ने दिल्ली स्थित अपने केंद्रीय कार्यालय में ये विचार व्यक्त किए। इस दौरान कहा गया, “वह कश्मीरी लोगों की इच्छा, उनके आत्मसम्मान और उनकी सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण की मांग से बेपरवाह नहीं हैं।”
संगठन ने कहा, “हम अपने लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा करना अपना राष्ट्रीय कर्तव्य समझते हैं। हमारा ²ढ़ विश्वास है कि कश्मीर के लोगों का कल्याण हिंदुस्तान में एकीकृत होने में है।”
इस दौरान मुस्लिम संगठन ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर जमकर हमला बोला। जमीयत की ओर से कहा गया, “पड़ोसी देश शत्रुवत व अहितकारी बल के जरिए कश्मीर को नष्ट करने पर आमादा है। दुश्मन ने कश्मीर को एक युद्ध का मैदान बना दिया है और कश्मीरियों को एक ढाल के रूप में इस्तेमाल किया गया है। यही वजह है कि लोगों को इस कठिन स्थिति से बचाने में बड़ी बाधा सामने आती है।”
जमीयत की ओर से कहा गया, “मौजूदा स्थिति न केवल कश्मीर, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए खतरा है। ऐसी स्थिति में जरूरी हो जाता है कि हम इस क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए शांतिपूर्ण पहल करें। परमाणु शक्तियों के टकराव के मद्देनजर यह और भी आवश्यक हो जाता है।”
संगठन ने हिंदुस्तान सरकार से अपील करते हुए कहा, “मानवाधिकारों का सम्मान करते हुए कश्मीरी लोगों के जीवन और संपत्ति की रक्षा करनी चाहिए। क्षेत्र में सामान्य स्थिति लाने व कश्मीर के लोगों का दिल जीतने के लिए हर संभव संवैधानिक साधनों का उपयोग करना चाहिए।”