शिक्षा, स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए सीमित रखें परिवार: MOIC

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पनियरा (महराजगंज)। विश्व जनसंख्या दिवस को सोमवार को परिवार नियोजन परामर्श दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर जिला संयुक्त अस्पताल समेत सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य उप केन्द्रों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर परिवार को सीमित रखने और दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखने के बारे में दम्पति को जागरूक किया गया। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पनियरा में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ.वीर विक्रम सिंह ने कहा कि परिवार की खुशहाली, शिक्षा, स्वास्थ्य और तरक्की तभी संभव है, जब परिवार सीमित होगा। विकास के उपलब्ध संसाधनों का समुचित वितरण और बढ़ती जनसँख्या दर के बीच संतुलन कायम करने के उद्देश्य से आज सबसे अधिक जरूरत जनसँख्या स्थिरीकरण की है।

परिवार को सीमित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास बास्केट ऑफ़ च्वाइस का विकल्प मौजूद है, जिसमें स्थायी और अस्थायी साधनों को शामिल किया गया है। इन अस्थायी साधनों में से अपनी पसंद का साधन चुनकर शादी के दो साल बाद ही बच्चे के जन्म की योजना बना सकते हैं। दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर भी रख सकते हैं। दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखना मां और बच्चे दोनों की बेहतर सेहत के लिए बहुत जरूरी है।

इसी क्रम में पनियरा ब्लाॅक के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर गिरगिटिया (कायाकल्प एवार्ड से पुरस्कृत) पर आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि परिवार नियोजन साधनों का उपयोग कारगर और लाभकारी है। नव विवाहित दंपत्ति सुझबूझ और हौसला दिखाएं। पहला बच्चा देरी से करने का फैसला लें। यदि किसी का परिवार पूरा हो गया हो तो वह नसबंदी की सेवा लें। जिनके परिवार पूरा न हुए हो तो वह गर्भ निरोधक साधनों का प्रयोग बास्केट आफ च्वायस के आधार पर करें। ताकि अनचाहे गर्भ से मुक्ति मिल सके। वहीं पर एचईओ ने लाभार्थियों के बीच परिवार नियोजन सामग्री भी वितरित किया।

गिरगिटिया क्षेत्र की निवासीनी करीब 24 वर्षीया मीना ( बदला हुआ नाम) ने बताया कि उसके दो बच्चे हैं एक चार साल दूसरा आठ माह का। अब परिवार पूरा हो गया है। बच्चा नहीं चाहिए। नसबन्दी कराने का विचार है। जब तक नसबन्दी नहीं हो रही है, तक अनचाहे गर्भ से मुक्ति पाने के लिए आशा बहन संजीवनी देवी के कहने पर माला-एन टेबलेट खाती है। यह दवा खाने से कोई दिक्कत नहीं होती है। इसी केन्द्र पर पहुंची करीब 26 वर्षीया सलोनी ( बदला हुआ नाम) ने बताया कि उसके दो संतान हैं। एक सात साल और दूसरा पांच साल का। परिवार नियोजन के लिए कंडोम का इस्तेमाल किया जाता है। अनचाहे गर्भ से मुक्ति के लिए विशेष सतर्कता बरती जाती है।

सेंटर की एएनएम निर्मला मौर्य ने बताया कि सेंटर से जुड़ी संजीवनी, गीता आदि आशा कार्यकर्ता काफी सक्रिय हैं। इनकी बदौलत एक माह में दो महिलाओं को अंतरा, 17 को माला-एन, 10 को छाया टेबलेट तथा 90 लाभार्थियों को कंडोम वितरित किया जा चुका है। परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत एक टोकरी में सभी प्रकार के परिवार नियोजन साधनों को रखकर लोगों को दिखाया और समझाया जाता है। बास्केट आफ च्वायस के आधार पर लोगों को सामग्री उपलब्ध कराई जाती है।

ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर धर्मेद्र कुमार सिंह ने नव विवाहित दंपत्ति को उपलब्ध कराने के लिए एएनएम को पांच सगुन किट उपलब्ध कराया। उन्होंने कहा कि 14, 21 और 28 जुलाई को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पनियरा पर नसबन्दी सेवा दिवस आयोजित होगा। सभी आशा कार्यकर्ता अधिक से अधिक नसबन्दी केस लाएं। ताकि परिवार नियोजन कार्यक्रम का सपना साकार हो सके।

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