इजरायल पर गाजा पट्टी से हुए हमास के अटैक को 16 दिन हो चुके हैं। इसराइल इस हमले के जवाब में गाजा पर एयर स्ट्राइक तो कर रहा है, किंतु, इजराइल फौज के जवान गाजा पट्टी में घुसकर हमास पर अटैक नहीं कर पा रहे हैं। गाजा में घुसने की इसराइल की इस झिझक की कई वजहें हैं और अमेरिका भी उनमें से एक है। इसी बीच हमास ने अमेरिका के साथ सौदा कर लिया है और अमेरिका के दो बंधकों को रिहा कर दिया है।
अब सवाल ये है कि जिस अमेरिका ने इसराइल पर हुए हमास के हमले के बाद अपने दो दो नेवी के बेड़े इसराइल को बचाने के लिए भेज दिए थे, उसके साथ हमास ने डील कैसे कर ली। अमेरिका और हमास की इस डील का खुलासा अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने किया है। अखबार की खबर के अनुसार, इस सौदे को कराने में खाड़ी के एक और देश कतर ने अहम भूमिका निभाई है।
रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका अपने सभी लोगों को रिहा कराना चाहता है। इसके लिए इजराइल पर दबाव बनाया जा रहा है कि वो गाजा में घुसने के अपने प्लान को कुछ दिनों के लिए टाल दें।
दरअसल, गाजा से बंधकों को छुड़ाना आसान काम नहीं है। 7 अक्टूबर से ही बंधकों की रिहाई के लिए बैठकें और दौरे किए जा रहे हैं। सात अक्तूबर को जैसे ही अमेरिका को जानकारी मिली कि हमास ने कई नागरिकों को बंधक बना लिया है, तभी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कतर के पीएम जासिम अल थानी को फोन किया। क्लिंटन ने अल थानी के सामने बंधकों का मुद्दा उठाया। अमेरिकी डिप्लोमैट्स को उम्मीद थी कि बंधकों को छुड़वाने के लिए कतर मध्यस्थता करवा सकता है और यही हुआ भी।
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