भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। पटेल दो बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके थे। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी मौत कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई है। उनकी मौत महामारी से नहीं हुई है।
गुरुवार को कश्यप ने अपने शोक संदेश में कहा कि केशुभाई पटेल के निधन से पार्टी ने एक मजबूत नेतृत्व खो दिया है, जिसकी निकट भविष्य में भरपाई करना मुश्किल होगा। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए ईश्वर से प्रार्थना की है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।
उन्होंने कहा कि पटेल ने 1960 के दशक में जनसंघ कार्यकर्ता के रूप में शुरूआत की थी। वह जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में एक थे। आपातकाल के बाद 1977 में केशुभाई पटेल राजकोट से लोकसभा के लिए चुने गए थे। लोकसभा सदस्य से इस्तीफा देने के बाद वह बाबूभाई पटेल की जनता मोर्चा सरकार में 1978 से 1980 तक कृषि मंत्री रहे।
केशुभाई पटेल 1978 और 1995 के बीच कलावाड़, गौंडल और विशावादार से विधानसभा चुनाव जीते। 1980 में जब जनसंघ पार्टी को भंग कर दिया गया तो वे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ आयोजक बने। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खिलाफ चुनाव अभियान का आयोजन किया और उनके नेतृत्व में 1995 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिली थी।