जानिए कैसे खून से किया जाता है CORONA का इलाज, लोग हो रहे हैं ठीक

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नई दिल्ली ।। CORONA__VIRUS की वैक्सीन आने में लगभग 12 से 18 महीने और लगेंगे। तब तक इलाज कैसे किया जाए।।।इस सवाल से पूरी दुनिया के डॉक्टर परेशान है। भिन्न भिन्न इलाज सामने आ रहे हैं। लेकिन एक उपाय जो बहुत कारगर साबित हो रहा है वह है कोवैलेसेंट प्लाज्मा ट्रीटमेंट। यानी खून से प्लाज्मा निकालकर दूसरे बीमार युवक में डाल देना।

वास्तव में कोवैलेसेंट प्लाज्मा ट्रीटमेंट चिकित्सा विज्ञान की बहुत बेसिक टेक्नीक है। लगभग 100 वर्षों से इसका इस्तेमाल पूरी दुनिया कर रही है। इससे कई मामलों में फायदा होता देखा गया है और CORONA__VIRUS के मरीजों में लाभ दिखाई दे रहा है।

ये इलाज लाभदायक भी है। वैज्ञानिक पुराने मरीजों के खून से नए मरीजों का उपचार करते हैं। होता यूं है कि पुराने बीमार मरीज का खून लेकर उसमें से प्लाज्मा निकाल लेते हैं। फिर इसी प्लाज्मा को दूसरे मरीज के बॉडी में डाल दिया जाता है।

अब बॉडी के भीतर होने वाली प्रक्रिया को समझिए। पुराने मरीज के खून के भीतर वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बन जाते हैं। ये एंटीबॉडी वायरस से लड़कर उन्हें मार देते हैं। या फिर दबा देते हैं। ये एंटीबॉडी ज्यादातर खून के प्लाज्मा में रहते हैं। उनके खून लिए फिर उसमें से प्लाज्मा निकाल कर स्टोर कर लिया। जब नए मरीज आए तो उन्हें इसी प्लाज्मा का डोज दिया गया। ब्लड प्लाज्मा पुराने रोगी से फौरन ही लिया जा सकता है।

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