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Up Kiran, Digital Desk: सोमवार को ऑस्ट्रेलियाई अदालत ने भारतीय मूल के राजविंदर सिंह को 2018 में एक महिला की हत्या का दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सिंह पर आरोप था कि उसने 24 वर्षीय टोयाह कॉर्डिंग्ले की बेरहमी से हत्या की थी, जब वह अपने कुत्ते के साथ सुबह की सैर पर निकली थी।

हत्याकांड के बाद सिंह ने शव को रेत के टीलों में छिपा दिया था और अगले दिन भारत भाग गया था। पुलिस ने सिंह की गिरफ्तारी के लिए 1 मिलियन डॉलर का इनाम भी रखा था। चार साल से फरार रहने के बाद, सिंह को 2022 में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया और 2023 में उसे ऑस्ट्रेलिया प्रत्यर्पित किया गया।

क्या था हत्याकांड का कारण?

हत्या के पीछे का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। मुकदमे के दौरान, सिंह और कॉर्डिंग्ले के बीच किसी भी प्रकार का संबंध साबित नहीं हो पाया। हालांकि, सिंह पर आरोप था कि उसने पहले तो महिला का गला काटने से पहले उसे 26 बार चाकू मारा था।

सिंह को दोषी ठहराए जाने के बाद, कोर्ट के अंदर परिवार और दोस्तों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। विशेष रूप से कॉर्डिंग्ले के पिता, जिन्होंने फैसले के दौरान भावुक होते हुए कहा, "नरक में सड़ो।"

सिंह की गिरफ्तारी और केस का सफर

राजविंदर सिंह पर आरोप लगने के बाद से केस केन्र्स सुप्रीम कोर्ट में लम्बे समय तक चला। पहले मुकदमे में निर्णायक फैसले तक नहीं पहुंचा जा सका, जिसके बाद आठ महीने बाद दूसरा मुकदमा शुरू हुआ। इस प्रक्रिया में सिंह ने खुद को निर्दोष बताते हुए बचाव किया, लेकिन कोर्ट ने उसे हत्या का दोषी मानते हुए कड़ी सजा सुनाई।

हत्याकांड का विवरण

2018 के अक्टूबर महीने की एक दोपहर, टोयाह कॉर्डिंग्ले अपने कुत्ते इंडी के साथ वांगेटी बीच पर टहल रही थी, तभी वह अचानक गायब हो गई। अगले दिन उसका शव रेत में आंशिक रूप से दबा हुआ मिला, जिससे हत्याकांड की परतें खुलने लगीं।

राजविंदर सिंह की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने उसकी तलाश में कड़ी मेहनत की। उसे अंततः दिल्ली के एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया गया, जहां वह छिपा हुआ था।

इस फैसले ने पीड़ित परिवार को थोड़ी राहत दी है, हालांकि, वे यह मानते हैं कि जो खो चुका है, वह कभी भी वापस नहीं आ सकता।