इस साल जन्माष्टमी पर्व के दिन जयंति योग पड़ रहा है जो कि भगवान कृष्ण के पूजन के लिए विशेष फलदायी है। इस दिन कृष्ण भक्त दिन भर व्रत रखते हैं और रात्रि के समय भगवान कृष्ण का भजन और पूजन किया जाता है। श्री कृष्ण भगवान विष्णु के परमावतार हैं इस दिन उनके पूजन से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
पंचामृत पांच चीजों से बनाया जाने वाला ऐसा पदार्थ है जो कृष्ण के भोग के लिए सबसे जरूरी माना जाता है। पंचामृत को दूध, दही, घी, गंगाजल और शहद को मिलाकर तैयार किया जाता है। इसलिए जन्माष्टमी के दिन पूजा में पंचामृत को जरूर शामिल करना चाहिए।
भगवान श्रीकृष्ण को गायों से बहुत लगाव था यही कारण था कि बचपन में वो गाय के बछड़ों से खेला करते थे और गायों को चराने ले जाया करते थे। इसलिए भगवान कृष्ण को गोपाल और गोविंद भी कहा जाता है। इसके आलावा जन्माष्टमी की पूजा में गाया की छोटी सी मूर्ति को शामिल कर आप कृष्ण को प्रसन्न कर सकते हैं।
कृष्ण की पूजा में पिसे हुए धनिया का बहुत अधिक महत्व होता है। ज्योतिषों के अनुसार धनिया को धन से जोड़कर देखा जाता है। जन्माष्टमी के व्रत में पिसे हुए धनिया का भोग लगाने से कृष्ण प्रसन्न होते हैं। आमतौर पर भक्त जन्माष्टमी के दिन धनिया की पंजीरी बनाकर कृष्ण को भोग लगाना चाहिए।
कृष्ण गले में वैजयंती की माला धारण करते थे। इसलिए जन्माष्टमी के पूजा में वैजयंती के फूलों का एक अपनी ही महत्व माना जाता है। जन्माष्टमी के दिन पूजा में वैजयंती के फूल चढ़ाने से श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनचाहा फल देते हैं।