लालू यादव का शुगर कंट्रोल नहीं कर पाए डॉक्टर, तो इस गंभीर बीमारी का खतरा !

img

रांची.रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद का शुगर और बीपी नियंत्रित न रहा तो वह जल्द ही सीकेडी (क्रॉनिक किडनी डिजीज) स्टेज फोर में जा सकते हैं। साथ ही उनको हुए बलतोड़ घाव को ठीक होने में भी काफी वक्त लगेगा।

लालू यादव

रिम्स में उनका इलाज कर रहे डॉ उमेश प्रसाद ने कहा कि सीकेडी को देखते हुए उनका शुगर और बीपी हर हाल में नियंत्रित रहना जरूरी है। जिसको लेकर उनको दिए जा रहे लेटेस्ट इंसुलिन का डोज 33/20 से बढ़ाकर 36/30 कर दिया गया है। साथ ही रिम्स द्वारा दिए गए डायट के अनुसार संतुलित भोजन करने और टहलने की हिदायत दी गई है। जिसका फायदा भी आज दिखा है, उनका शुगर लेवल सोमवार को 185 से घटकर 131 पर आ गया है।

डॉ प्रसाद ने बताया कि लालू प्रसाद पहले से ही सीकेडी थर्ड स्टेज के मरीज हैं। ऐसे में उनका स्टेज बढ़ना तो तय है, लेकिन यदि शुगर और बीपी यदि पूरी तरह नियंत्रण में रहा तो स्टेज पार करने में चार से पांच साल का समय भी लग सकता है। यदि शुगर-बीपी नियंत्रित नहीं रहा तो यह अवधि कुछ माह भी हो सकती है।

ज्ञात हो कि लालू जब से पेइंग वार्ड में आए हैं, तय प्रावधान के अनुसार रिम्स प्रबंधन की ओर से उन्हें दवा और भोजन नहीं दिया जा रहा है। इसकी व्यवस्था उन्हें खुद करनी है। परिणाम है कि उनके सेवादार सेहत की बजाए स्वाद को ध्यान में रखकर भोजन ला रहे हैं।

महज 1400 कैलोरी लेने की सलाह

रिम्स की डायटीशियन मीनाक्षी कुमारी ने सोमवार को पेइंग वार्ड जाकर उनसे मुलाकात की। मीनाक्षी ने उन्हें सलाह दी है कि वह एक दिन में महज 1400 कैलोरी (भोजन) ही लें। इसके लिए जरूरी है कि वह रिम्स द्वारा उपलब्ध कराए गए डायट चार्ट का पालन करें।

क्या है डायट चार्ट

सुबह – पका हुआ दलिया 100 ग्राम या 150 ग्राम दूध और कार्नफ्लैकस, उबला हुआ दो अंडा (पीला भाग छोड़कर)
नाश्ता बाद – 11 बजे – 200 ग्राम फल (सेब पपीता अमरूद) और एक ग्लास लस्सी
दोपहर – दो रोटी, हरी सब्जी, 50 ग्राम पका हुआ चावल, 30 ग्राम दाल, सलाद
शाम – अंकुरित मूंग 60 ग्राम, लेमन टी (बिना चीनी)
रात – तीन रोटी, हरी सब्जी, दाल, सलाद

इन्फेक्शन का भी खतरा

नेफ्रेालॉजिस्ट अमित कुमार ने बताया कि उनका बीपी हर हाल में 130 से ऊपर नहीं होना चाहिए। साथ ही शुगर का लेवल भी 120 से 140 के बीच रखना होगा। शुगर ज्यादा कम होने से भी पेशाब के इन्फेक्शन का खतरा है। साथ ही उन्हें स्वेलिंग भी नहीं होनी चाहिए। इससे सीकेडी के स्टेज में आगे बढ़ने की रफ्तार काफी कम हो जाएगी।

Related News