भागती हुई ज़िन्दगी में हर कोई एक सुकून की जगह तलाश करता ही है. ऐसे में अगर ये जगह आप के ऑफिस या काम करने वाली जगह से पास हो तो एक एडवांटेज और भी हो जायेगा. बता दें कि दिल्लीवासियों के लिए उत्तराखंड या हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल सबसे पसंदीदा वीकेंड गेटवेज में से एक हैं। खासकर, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल, शिमला, मनाली आदि। लेकिन यहां कई बार भीड़ छुट्टियों का मजा किरकिरा भी कर देती है। इनमें उत्तराखंड का लैंसडाउन थोड़ा अलग है, जहां सुकून के साथ मिलता है प्रकृति के बीच समय बिताने का मौका…
वीकएंड पर अगर आप लैंसडाउन जा रहे हैं, तो जाहिर है आपके पास वक्त की कमी होगी, लेकिन यह वक्त छोटे से लैंसडाउन को घूमने के लिए काफी है। इतने वक्त को आप चाहें, तो किसी होटल के गार्डन में सुस्ता कर बिता लें या लैंसडाउन के चक्कर काटकर, क्योंकि इस छोटे से हिल स्टेन में देखने लायक सभी जगह काफी नजदीक हैं।
भुल्ला ताल: होटल में अपना सामान रखकर आप भुल्ला ताल का रुख कर सकते हैं, जो एक छोटी सी झील है। मन करे, तो इसमें बोटिंग कर लें या इसके किनारे पार्क में बैठकर हंसते-खेलते पर्यटकों की खुशी में शामिल हो जाएं।
टिप एन टॉप: मन करे, तो टिप एन टॉप चले जाएं, जहां से दूर-दूर तक पर्वतों और उनके बीच छोटे-छोटे कई गांव नजर आते हैं। इनके पीछे से उगते सूरज का नजारा अलौकिक लगता है। अगर मौसम साफ हुआ, तो बर्फ से ढके पहाड़ों की लंबी श्रृंखला नजर आ सकती है। वैसे अक्टूबर-नवंबर और मार्च-अप्रैल में मौसम साफ रहने की संभावना ज्यादा रहती है।
चर्च और वॉर मेमोरियल: कुछ वक्त टिफिन टॉप में बिताने के बाद चर्च देख सकते हैं। गढ़वाल राइफल्स की वीरगाथा की झलक पाने के लिए शाम 5 बजे से पहले वॉर मेमोरियल देख सकते हैं। इसके बिल्कुल पास में है, परेड ग्राउंड, जिसे आम पर्यटक बाहर से ही देख सकते हैं।
मंदिर: शाम को सनसेट का खूबसूरत नजारा देखने के लिए संतोषी माता के मंदिर जाएं, जो शायद लैंसडाउन की सबसे ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। लैंसडाउन में घूमने का दोगुना लुत्फ चाहें, तो पैदल घूमें।
भैरवगढ़ी और ताड़केश्वर मंदिर: अगली सुबह लैंसडाउन से कुछ किलोमीटर की दूरी पर भैरवगढ़ी या ताड़केश्वर मंदिर तक ट्रेकिंग कर सकते हैं। दोनों जगहों तक गाड़ी से भी जा सकते हैं, लेकिन चीड़, देवदार, बुरांश और बांज के घने जंगलों से ट्रेकिंग करते हुए यहां तक पहुंचने का अलग ही रोमांच है।
रोमांच भी, सुकून भी: कई पर्यटक लैंसडाउन में हफ्ते भर रहना पसंद करते हैं, क्योंकि यह शांत और खूबसूरत होने के साथ ही विकसित भी है। भारत में इस तरह के हिल स्टेशन बहुत कम हैं। कुछ पर्यटकों के लिए ट्रेकिंग, बाइकिंग, साइकलिंग जैसे एडवेंचर करने की सुरक्षित जगह है लैंसडाउन, तो कुछ पर्यटक फैमिली के साथ वीकएंड मनाने के लिए यहां आते हैं। बस यही है लैंसडाउन।