सुबह-सुबह चाय की चुस्की लगभग हर घर में लगाई जाती है। कई घरों में तो सुबह ही नहीं, शाम और दोपहर खाने के बाद भी चाय पी जाती है, लेकिन आज हम यहां चाय पीने से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में नहीं, बल्कि इसमें इस्तेमाल की जाने वाली चायपत्ती के बारे में बात करेंगे, जिसे बनने के बाद फेंक दिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते है इस चायपत्ती को भी आप कई तरह के ट्रीटमेंट में यूज कर सकते हैं। अगर नहीं पता, तो आज इसी के बारे में बात करेंगे यहां।
चाय की पत्ती में औपधीय गुण होते हैं। कीड़ा काटने पर वहां की त्वचा पर फफोले पड़ जाते हैं या छोटे-छोटे दाने उभर जाते हैं तो ऐसे में वहां इस्तेमाल की हुई चायपत्ती या टी बैग लगाएं। जिससे सूजन तो कम होगी ही संक्रमण भी नहीं फैलेगा।
कई बार फोड़े-फुंसी ऐसी जगह पर हो जाते हैं जो बहुत ही कष्टदायक होते हैं तो ऐसे में उसका जल्द इलाज करें यूज्ड टी बैग से। जिसको फोड़े पर लगाने से उसका पानी आसानी से निकल जाता है और वो धीरे-धीरे सूखने लगता है।
नासूर घावों को भी इस्तेमाल किए गए टी बैग्स से ठीक किया जा सकता है बस इसके लिए टी बैग्स को डीप फ्रीज करने के बाद घाव पर लगाएं। बहुत राहत मिलेगी।
ग्रीन टी में पाया जाने वाला एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट (ईजीसीजी) एक ऐसा तत्व है जो सनस्क्रीन की तरह काम करता है। जो यूवी रेडिएशन से बचाता है। तो जिस जगह पर सनबर्न हुआ है वहां गीले टी बैग को लगाएं और थोड़ी देर लगा रहने दें।
कई बार चोट लगने पर खून का बहना बंद ही नहीं होता ऐसे में समझ नहीं आता कि क्या करें, तो इसके लिए इस्तेमाल की हुई चाय की पत्ती आजमाकर देखें। इसमें मौजूद टैनिन ब्लड को जमा देता है जिससे खून बहना रूक जाता है।