Bihar Assembly Elections: एलजेपी की जेडीयू से पटती नहीं भाजपा के बिना कटती नहीं

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शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

आज बात शुरू की जाए उससे पहले यह चंद लाइनें बहुत महत्वपूर्ण है ‘तुमसे पटती भी नहीं, तुम्हारे बिना कटती भी नहीं’ । बिहार विधानसभा चुनाव के लिए यह कहावत मौजूदा परिवेश में फिट बैठ रही है । चुनाव के लिए पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो गई है लेकिन अभी भी ‘एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर ऐसा पेंच फंसा हुआ है कि भाजपा, जेडीयू और एलजेपी अभी तक एक साथ चुनाव लड़ने में अपना गणित नहीं बैठा पाए हैं’।

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बहरहाल भाजपा और जेडीयू में सीटों के बंटवारे को लेकर फाइनल हो चुका है, संभव है आज घोषणा भी हो सकती है ? लेकिन सबसे बड़ी दुविधा में एलजेपी है। लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान साफतौर पर कह चुके हैं कि उन्हें जेडीयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ पसंद नहीं है। चिराग का कहना है कि वे भाजपा के साथ तो मिलकर चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन नीतीश कुमार के साथ गठबंधन नहीं चाहते।

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आपको बता दें कि ‘सीएम नीतीश कुमार ने इस बार बिहार चुनाव में दलितों को रिझाने के लिए की गई घोषणाओं से चिराग पासवान आग बबूला हैं, एलजेपी को डर सता रहा है कहीं ऐसा न हो कि जेडीयू साथ मिलकर चुनाव लड़ने से उसके दलित वोटर उससे छिटक जाएं’।

बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी बिहार (Lok Janshakti Party Bihar) में अपने आप को दलितों की सबसे बड़ी पार्टी बनाने में जुटी हुई है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अभी तक एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान से पांच बार मुलाकात की। वहीं एक बार वह गृहमंत्री अमित शाह से भी मिले थे। लेकिन भाजपा, जेडीयू और बीजेपी का सीटों को लेकर झगड़ा खत्म नहीं हो सका है।

सबसे बड़ी बात यह है कि जेडीयू और एलजेपी के नेता कह चुके हैं कि हमें एक दूसरे से गठबंधन नहीं करना है। लेकिन ‘लोजपा को भारतीय जनता पार्टी साथ गठबंधन करने में अपना सौदा खरा दिखाई दे रहा है’ ।

एलजेपी भाजपा के साथ चुनाव में गठबंधन के तौर पर दिखना चाहती है–

आज रविवार को संभव है लोक जनशक्ति पार्टी बिहार में चुनाव लड़ने को लेकर अपना फाइनल फैसला सुना सकती है। ‘अगर एलजेपी एनडीए गठबंधन से बाहर जाती हैं तो चिराग पासवान अपने उम्मीदवार भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ नहीं उतारेंगे, एलजेपी अपने को बीजेपी के गठबंधन के तौर पर ही पेश करना चाहती है, लोजपा पीएम नरेंद्र मोदी, रामविलास पासवान और चिराग पासवान के नाम पर लड़ेगी, लेकिन जेडीयू के खिलाफ हर सीट पर वह उम्मीदवार उतार सकती है’।

चिराग पासवान और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान केंद्र की सत्ता पर अपनी भागीदारी तो देना चाहते हैं लेकिन बिहार में एनडीए का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं, यानी जेडीयू से एलजेपी अलग होना चाहती है । शनिवार देर शाम तक भाजपा आलाकमान ने एलजेपी को मनाने का प्रयास किया, लेकिन बात बन नहीं पाई।

हालांकि भाजपा और एलजेपी के साथ होने वाली आखिरी महत्वपूर्ण बैठक केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की तबीयत अचानक खराब हो जाने की वजह से टालनी पड़ी । संभव है कि एलजेपी आज अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा भी कर दे। अगर एलजेपी ऐसा करती है तो बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए को बड़ा झटका भी लग सकता है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से सीट बंटवारे को लेकर चिराग पासवान ने काफी कड़े तेवर दिखाए हैं और वह अकेले 143 सीटों पर चुनाव लड़ने के संकेत भी दे चुके हैं।

भाजपा और जेडीयू के बीच सीटों के बंटवारे को आखिरकार हुई डील !

बिहार चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू में भी सीटों के बंटवारे को लेकर कई दिनों से आपसी खींचतान चल रहा था । लेकिन अब जो संकेत मिलने लगे हैं उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि आप दोनों के बीच डील हो चुकी है। ‘संभव है बिहार में भाजपा और जेडीयू आज अपनी-अपनी सीटों का एलान कर सकते हैं’।

‘यहां भी नीतीश कुमार भाजपा से पहले सौदेबाजी करने में लगे हुए थे। यानी वे भाजपा से कुछ अधिक सीट चाहते थे, लेकिन इस बार भाजपा 50-50 फार्मूले पर अड़ी रही’। आखिरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी जिद छोड़नी पड़ी है।

बिहार में पहले चरण के मतदान के लिए एक अक्टूबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है मगर अब तक एनडीए में सीटों को लेकर बंटवारा नहीं हुआ है, जिससे असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पिछले कई दिनों से बीजेपी और जेडीयू में सीट बंटवारे को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है।

तय फॉर्मूले के मुताबिक जेडीयू 122 सीटों पर और भारतीय जनता पार्टी 121 सीटों पर चुनाव लड़ेगी । जेडीयू बीजेपी की कई परंपरागत सीटों पर भी दावेदारी ठोक रही थी, मगर अब उन्होंने यह मांग भी छोड़ दी है। बिहार में 243 विधानसभा सीटों के लिए 28 अक्टूबर से तीन चरणों में मतदान होना है, जबकि नतीजे 10 नवंबर को आएंगे।

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