नई दिल्ली॥ ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के अवसर पर रविवार, पांच जुलाई को जब पूरा देश गुरुपूर्णिमा का पर्व मना रहा होगा, तब आकाश में खगोलीय घटना होने जा रही है। इस दिन चंद्रग्रहण लगेगा।
गुरुपूर्णिमा पर भारत में सुबह जब सूर्य के आगमन के साथ ही आकाश में चंद्रमा अस्त हो चुका होगा, तब यह खगोलीय घटना होगी। उस समय उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका में शाम हो रही होगी और वहां चंद्रमा उदित हो रहा होगा। यानी भारत में चंद्रग्रहण सुबह लगेगा, लेकिन यहां दिन होने के कारण हम चंद्रग्रहण को यहां देख नहीं पाएंगे।
भोपाल की राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने शनिवार को हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में उक्त जानकारी देते हुए बताया कि गुरुपूर्णिमा के अवसर पर भारत में जब सुबह होगी, तब अमेरिका में शाम को चंद्रमा उपछाया ग्रहण से ग्रसित हो रहा होगा। वहीं देर रात होते-होते पश्चिमी अफ्रीका में यह ग्रहण दिखने लगेगा।
उन्होंने चंद्रग्रहण की पूरी अवधि में भारत में दिन चल रहा होगा। इसलिये इस ग्रहण को उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका तथा पश्चिमी अफ्रीका में तो देखा जा सकेगा, लेकिन भारत में यह खगोलीय घटना दिन में होने के कारण यह ग्रहण को देखा नहीं जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि इस साल पहला चंद्रग्रहण पांच जून को पड़ा था। इसके बाद विश्व योग दिवस के अवसर पर 21 जून के सूर्यग्रहण के बाद एक माह की अवधि में पृथ्वी पर दिखने वाला यह तीसरा ग्रहण होगा। सारिका ने बताया कि अगला चंद्रग्रहण इस साल 30 नवम्बर को होगा, लेकिन इसे मध्यप्रदेश के केवल कुछ पूर्वी जिलों रीवा-अनूपपुर में कुछ मिनट के लिये ही देखा जा सकेगा। मध्यप्रदेश सहित भारत में चंद्रगहण देखने के लिये 26 मई 2021 का इंतजार करना होगा।