अंतर्राष्ट्रीय डेस्क। चीन के युवाओं ने जिनपिंग सरकार के खिलाफ एक नए तरह का मोर्चा खोला है। करोड़ों युवा जिनपिंग सरकार के लिए कोई काम करने के बजाय आराम फरमा रहे हैं। यह एक नए तरह का असहयोग आंदोलन है, जो चीन में ये आंदोलन का बड़ा रूप ले चुका है। इस आंदोलन को ‘LYING FLAT’ अर्थात ‘पड़े रहो’ का नाम दिया गया है। युवाओं के इस आंदोलन से चीन सरकार भयभीत है।
चीन के युवाओं ने इस आंदोलन की प्रेरणा महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन से ली है। चीन के युवा अपनी सरकार से असहयोग कर रहे हैं। चीन के युवाओं ने काम के बजाय आराम करना शुरू कर दिया है। उन्हें घर नहीं खरीदना, खर्च नहीं करना, शादी नहीं करनी, बच्चे नहीं पैदा करना, कैरियर नहीं बनाना, इच्छाओं को खत्म करना, जिंदा रहने के लिए कम से कम खर्च करना है।
उल्लेखनीय है कि चीन में LYING FLAT या असहयोग आंदोलन की शुरुआत वहाँ के सर्च इंजन बाइडू से हुई। बायडू में गत अप्रैल माह में चीनी लेखक लुओ हुआजॉन्ग का ‘पड़े रहना न्याय है’ शीर्षक से एक लेख छपा था। लेख में लुओ हुआजॉन्ग ने लिखा लिखा कि मैं दो सालों से काम नहीं कर रहा हूं, सिर्फ मजे करता हूं और मुझे इसमें कुछ गलत भी नहीं लगता है।
हुआजॉन्ग का यह लेख पूरे चीन में हिट हुआ और वहां सोशल मीडिया पर लाइंग फ्लैट के नाम से तमाम ग्रुप बन गए। इन ग्रुपों से बड़ी तादाद में लोग जुड़ने लगे और जल्द ही इसने असहयोग आंदोलन का रूप ले लिया। चीन के युवाओं की अपनी सरकार से नाराजगी की अहम वजह ‘9,9,6 ‘ फैक्टर है।
‘9,9,6 ‘ फैक्टर के तहत चीन में पिछले कई दशकों से सुबह 9 बजे से रात को 9 बजे तक हफ्ते के 6 दिन काम करने का नियम है। पूरी दुनिया में सबसे सस्ता श्रम चीन में है। वहां काम जल्दी हो जाता है और प्रोडेक्शन बहुत जल्दी होता है. इसी वजह से चीन मैन्युफैक्चरिंग में नंबर वन है, सबसे ज्यादा निर्यात करता है.
चीन की पुरानी पीढ़ी ने तो हफ्ते में 6 दिन सुबह 9 बजे से रात के 9 बजे तक काम क लिए, लेकिन नई पीढ़ी इतना काम नहीं करना चाहती। इसीलिए जब चीन में लाइंग फ्लैट (असहयोग आंदोलन) शुरू हुआ तो जल्द ही करोड़ों युवा इससे जुड़ गए।