जींद॥ सफीदों पालिका ने पिछले 10 सालों से किराया ना देने वाले दुकानदारों को खिलाफ मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की। पालिका ने ऐसी 5 दुकानों पर नोटिस चिपकाकर उन्हे सील किया तो वहीं 12 दुकानदारों को एक सप्ताह के भीतर बकाया किराया जमा करवाने का नोटिस थमाया।
पालिका की इस कार्रवाई से दुकानदारों में हड़कंप की स्थिति रही। बता दें कि इससे पूर्व पालिका ने दुकानदारों को 19 अगस्त को किराया देने के लिए नोटिस जारी किया था। पालिका अकाऊंटेंट पवन कुमार व एमई अशोक कुमार की अगुवाई में एक टीम सोमवार को दुकानदारों के पास पहुंची। टीम ने दुकानदारों को किराए का नोटिस थमाया।
एमई अशोक कुमार ने बताया कि उपायुक्त के आदेशानुसार पालिका द्वारा यह कार्रवाई अमल में लाई गई है। जिसके तहत लगभग 100 प्रोपर्टी डिफॉल्टरों को नगरपालिका द्वारा बकाया जमा करवाने के लिए कई नोटिस जारी किए गए थे जिसके बाद लगभग 20 लोगों ने अपना बकाया जमा करवा दिया था।
वहीं जिन लोगों का नोटिस मिलने के बाद भी कोई जवाब नही आया उन के खिलाफ नगरपालिका द्वारा सीलिंग की कार्यवाही अमल में लाई जा रही है। अशोक कुमार ने बताया कि आज जिन दुकानों को सील किया गया। इन दुकानदारों को नवंबर 2020 तक लगभग 2773000 रुपए बकाया किराया जमा करवाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।
अगर इस समयावधि में किराया जमा नहीं हुआ तो आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वहीं पालिका के एक किराएदार अजय दीवान ने बताया कि वह पालिका की दुकान में पिछले 27 सालों से किराएदार हैं। वर्ष 2011 में कोर्ट ने उन के पक्ष में फैसला देते हुए नगरपालिका को उनके नाम रजिस्ट्री करवाने का आदेश जारी किया था। कोर्ट के आदेशों के बावजूद पालिका ने दुकानदारों के नाम आजतक रजिस्ट्री नहीं करवाई है। अजय दीवान ने बताया कि उनके हक में वर्ष 2011 में जब न्यायालय का फैसला आया था तब तक का उन्होंने सारे किराए का बकाया भुगतान कर दिया था। नगरपालिका द्वारा की गई यह कार्रवाई न्यायालय के आदेशों की सरासर अवमानना है।