‘मंत्र एप’ मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में बनेगा सहायक, आनलाॅइन दर्ज होगा प्रसव संबंधी ब्योरा

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महराजगंज 13 दिसम्बर: ‘मंत्र’ एप ( माँ एवं नवजात ट्रेकिंग) मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में सहायक बनेगा। इस एप के माध्यम से सभी इकाईयों पर प्रसव संबंधी सभी ब्योरा आनलाॅइन दर्ज किया जाएगा। इसके लिए प्रसव स्थलों पर तैनात नर्स को प्रशिक्षित भी किया जा चुका है। सभी को मंत्र एप का ससमय प्रयोग करना अनिवार्य है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ( आरसीएच) डाॅ.राकेश कुमार ने बताया कि पहले प्रसव संबंधी ब्योरा एक रजिस्टर पर दर्ज किया जाता था, जिससे सूचना अंकित करने में कुछ बिन्दु छूट जाते थे। अब सारा विवरण मंत्र एप पर दर्ज करना जरूरी हो गया है. एप पर प्रसव से पहले, प्रसव के दौरान तथा प्रसव पश्चात विभिन्न स्थितियों को पूरा विवरण आनलाॅइन दर्ज किया जाना है।

वहीँ उन्होंने आगे बताया कि आनलाॅइन विवरण दर्ज करने से ब्लाॅक स्तरीय, जिला स्तरीय, मंडल स्तरीय तथा राज्य स्तरीय रिपोर्ट तैयार करने में मदद मिलेगी। कोई भी व्यक्ति एक क्लिक में प्रसव संबंधी ब्योरा जान सकेगा। इससे आनलाॅइन निगरानी करने में भी मदद मिलेगी।

डाॅ.राकेश ने कहा कि यदि प्रसव के दौरान गर्भवती को कोई दिक्कत होती है तो सभी जानकारियां एप पर फीड करके उच्च सुविधा वाले अस्पताल पर रेफर करना होगा। ताकि जटिलताओं को जानते हुए समय से बेहतर इलाज मिल सके। इस तरह से मंत्र एप मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में सहायक साबित होगा।

यूनिसेफ के मंडलीय पर्यवेक्षण बृजेन्द्र चौबे ने बताया कि मंत्र को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए प्रसव केन्द्रों पर तैनात नर्स को प्रशिक्षित कर दिया गया है। सभी को ससमय एप को प्रयोग में लाना होगा।

एसीएमओ ने बताया कि जिले में एल-टू के 16 सहित कुल 102 प्रसव सेंटर संचालित हैं

जहाँ पूरे समय प्रसव की सुविधा उपलब्ध होती है उसे एल-टू अस्पताल कहते हैं। इन 16 एल-टू अस्पतालों में घुघली, लक्ष्मीपुर, बहदुरी, बृजमनगंज, सिसवा, राजकीय महिला अस्पताल सिसवा, मिठौरा, चौक, फरेन्दा, धानी, पनियरा, मंसूरगंज, नौतनवा, रतनपुर, श्यामदेउरवा व महराजगंज सीएचसी के नाम शामिल हैं । इसी प्रकार 86 उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी प्रसव सुविधा उपलब्ध है। अब यहां पर मंत्र एप के जरिये आॅनलाइन ब्योरा दर्ज किया जाएगा। एप के माध्यम से नवजात की मानीटरिंग भी की जाएगी।

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