मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बड़ा फैसला 39 जातियों को ओबीसी में शामिल करने की तैयारी शुरू की थी.और अब यूपी की 17 अति पिछड़ी जातियों को भी आरक्षण की लिस्ट में शामिल करने को लेकर योगी सरकार की बड़ी तैयारी में है. यूपी सरकार निषाद की उपजातियों सहित सत्रह अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की योजना बना रही है.
योगी सरकार के इस मास्टरस्ट्रोक से विपक्ष के नेताओं में भी हलचल तेज हो गई है. प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी अब यूपी चुनाव से पहले पिछड़े और अति पिछड़ों को अपने पाले में लेने की तैयारी कर रही है.
निषाद पार्टी के अध्यक्ष डा. संजय निषाद और उनके बेटे सांसद प्रवीण निषाद ने हाल ही में दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. इस मुलाकात में उन्होंने कहा था कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र और राज्य सरकार निषाद की उपजातियों सहित सत्रह अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूर करे. अगर ये जाति अनसूचित जाति में शामिल होंगी तो इन्हें भी आरक्षण मिल सकता है.
बता दें कि इस प्रस्ताव में निषाद की 13 उपजातियां हैं जिसमें मछुआ, मल्लाह, केवट, ङ्क्षबद, मांझी, धीवर, धीमर, तुरहा, रैकवार, बाथम, कहार, कश्यप, गोडिय़ा शामिल हैं. इस वर्ग के नेताओं का दावा है कि प्रदेश में लगभग 13 फीसद उनकी आबादी हैं और यूपी की 160 विधानसभा सीटों पर इनका काफी प्रभाव है.
अब देखना ये है कि राज्य की और केंद्र की भाजपा सरकार इस प्रस्ताव को हरी झंडी देगी या नहीं. हालांकि संजय निषाद ने बताया कि आरक्षण की मांग पर सकारात्मक आश्वासन मिला है.