नई दिल्ली ।। मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से धारा 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने के बाद से नजरबंद महबूबा मुफ्ती ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा को न ही सेना के जवानों की चिंता है और न कश्मीरियों की, उसे सिर्फ चुनाव जीतने से मतलब है।
महबूबा ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि भाजपा वोट पाने के लिए जवानों की शहादत का प्रयोग करती है, लेकिन सच्चाई यह है कि यदि कश्मीरियों को तोपों के चारे के रूप में माना जाता है, तो घाटी में अशांति फैलाने के लिए सेना के जवान मोहरे बन गए हैं।
उन्होंने सवाल किया कि अगर सब कुछ सामान्य है तो कश्मीर में 9 लाख (सेना की) टुकड़ियों की मौजूदगी की वजह क्या है। वे यहां पाकिस्तान की ओर से आशंकित हमले की वजह से नहीं बल्कि विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए हैं। सेना की प्राथमिक जिम्मेदारी विरोध के स्वर को कुचलने की जगह सीमाओं को सुरक्षित रखने की है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि रिपोर्ट्स में बताया गया है कि रिहा किए गए नेताओं को बांड पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया। आखिर किस कानून के तहत उनकी रिहाई की शर्त है, क्योंकि उनकी नजरबंदी पहले ही अवैध थी? कई नेताओं ने इन बांड पर साइन करने से साफ मना कर दिया। बता दें कि 2 महीने से नजरबंद कश्मीर के तीन नेताओं को आज किया गया है। मुफ्ती की इसे लेकर ही प्रतिक्रिया सामने आई है।