पैराशूट न खुल पाने से गई मिग पायलट की जान, दुर्घटनास्थल से दो किमी. दूर मिला पार्थिव शरीर

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नई दिल्ली। पश्चिमी सेक्टर पंजाब में गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात लड़ाकू विमान मिग बाइसन विमान के क्रैश होने पर वायुसेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए हैं। पायलट अभिनव चौधरी समय रहते विमान से कूद गए थे लेकिन उनका पैराशूट नहीं खुल पाया। लगभग 4 घंटे की मशक्कत के बाद आज सुबह पायलट चौधरी का पार्थिव शरीर दुर्घटनास्थल से दो किलोमीटर दूर खेतों में मिला है। वायुसेना ने हादसे में शहीद हुए पायलट स्क्वाड्रन लीडर अभिनव चौधरी के प्रति शोक व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़े होने की बात कही है। इस साल मिग बाइसन के दुर्घटनाग्रस्त होने की यह तीसरी घटना है। इससे पहले जनवरी में सूरतगढ़ (राजस्थान) और मार्च में ग्वालियर में मिग बाइसन क्रैश हो चुके हैं।    
India Air Force's MiG-21 crashes-pilot killed

अभिनव चौधरी मिग बाइसन लेकर सूरतगढ़ एयर बेस की तरफ लौट रहे थे

पंजाब में मोगा के गांव लांगियाना के पास गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात 02 बजे के करीब क्रैश हुआ भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान मिग बाइसन युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने के बाद लौट रहा था। दरअसल इस समय राजस्थान के पश्चिमी सेक्टर में वायुसेना का अभ्यास चल रहा है। इसमें बड़ी संख्या में फाइटर जेट्स हिस्सा ले रहे हैं। यहां युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने के बाद बीती रात करीब एक बजे स्क्वाड्रन लीडर अभिनव चौधरी मिग बाइसन लेकर सूरतगढ़ एयर बेस की तरफ लौट रहे थे।
पंजाब के मोगा शहर के ऊपर से निकलते समय उनके विमान के इंजन में आग लग गई। अभिनव ने अंतिम समय तक विमान को संभालने का प्रयास किया, ताकि इसे आबादी क्षेत्र से दूर मोड़ा जा सके। इस बीच विमान काफी नीचे आ चुका था। पायलट चौधरी समय रहते विमान से कूद गए लेकिन उनका पैराशूट नहीं खुल पाया और दो किमी. दूर नीचे गिरते ही उनकी सांसें भी थम गईं। 

कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश

मोगा के गांव लांगियाना के पास मिग बाइसन के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर मिलने पर मोगा के एसएसपी हरमनबीर सिंह गिल और पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और पायलट को ढूंढने के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया। मौके पर ही बठिंडा एयरफोर्स और हलवारा एयरफोर्स की टीमें भी पहुंच गई, जिन्होंने पायलट अभिनव चौधरी को ढूंढना शुरू किया।
लगभग 4 घंटे की मशक्कत के बाद आज सुबह पायलट अभिनव चौधरी का पार्थिव शरीर दुर्घटनास्थल से दो किलोमीटर दूर खेतों में मिला है। पायलट के शहीद होने पर भारतीय वायुसेना ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि पूरा बल शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़ा है। हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं। 

इस साल मिग बाइसन के क्रैश होने की यह तीसरी दुर्घटना

इस साल मिग बाइसन के क्रैश होने की यह तीसरी दुर्घटना है। इससे पहले 05 जनवरी को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में प्रशिक्षण के दौरान वायुसेना का लड़ाकू विमान मिग बाइसन नियमित उड़ान के दौरान क्रैश हुआ था। तकनीकी खराबी का पता चलते ही पायलट सुरक्षित रूप से विमान से बाहर निकलने में कामयाब रहा, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। इसके बाद यह विमान श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में एक खेत में गिरकर क्रैश हो गया। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद गांव के लोगों ने प्रशासन को सूचना दी।
दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए वायुसेना सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दे रखा है। इसके बाद 17 मार्च को ग्वालियर एयर बेस से लड़ाकू प्रशिक्षण मिशन के लिए रवाना हुआ मिग बाइसन टेक-ऑफ रन के दौरान ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में वायुसेना ने विमान के पायलट ग्रुप कैप्टन ए गुप्ता को खो दिया। वायुसेना ने दुर्घटना का कारण पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया है।

भारतीय वायुसेना से रूसी लड़ाकू विमान मिग वेरिएंट की विदाई का वक्त करीब

साठ साल की उम्र पूरी करने के बाद अब भारतीय वायुसेना से रूसी लड़ाकू विमान मिग वेरिएंट की विदाई का वक्त करीब आ गया है। वैसे तो भारत को पाकिस्तान से तीन युद्ध जिताने वाले इस ‘लड़ाकू’ मिग-21 को 50 वर्षों तक देश की सेवा करने के बाद रिटायर कर दिया गया था लेकिन भारत के पास बचे 54 ‘सेनानियों’ को रूसी कम्पनी ने अपग्रेड करके मिग बाइसन बना दिया। अब एयरो इंडिया-2021 के दौरान 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस एमके-1ए की डील फाइनल होने के बाद यह ‘योद्धा’ वायुसेना से रिटायर हो जाएगा।
लड़ाकू विमानों की इस पीढ़ी के विदा होने के बाद इनकी जगह स्वदेशी ‘तेजस’ लेगा, जिसे एचएएल कई वेरिएंट में बना रहा है। भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान ने 27 फरवरी, 2019 को बालाकोट स्ट्राइक के दौरान इसी मिग बाइसन विमान से पाकिस्तानी एफ-16 को मार गिराया था लेकिन पाकिस्तान इससे इनकार करता है। 

मिग-21 बाइसन  

रूसी कंपनी ने 11,496 मिग-21 विमानों का निर्माण करने के बाद अपने आखिरी मिग-21 को मिग बाइसन के रूप में 1985 में अपग्रेड किया था। इस परिष्कृत मॉडल में पहले वाले मिग-21 वेरिएंट की कई कमियों को दूर किया गया था। इसके बाद रूसी कंपनी ने भारतीय वायुसेना के पास बचे 54 मिग-21 विमानों को भी मिग-21 बाइसन के रूप में अपग्रेड किया। इसलिए भारतीय वायुसेना का मिग-21 अपग्रेड होकर ‘मिग-21 बाइसन’ हो गया।
इस अपग्रेडेड ‘मिग-21 बाइसन’ में बबल कैनोपी और रैपराउंड विंडस्क्रीन, पहले से ज्यादा अधिक सक्षम रडार, दूर तक देखने की क्षमता, बियॉन्ड विजुअल रेंज, मिसाइल से फायर करने की क्षमता है। इनके अलावा कई अन्य संशोधनों ने हवाई जहाज की क्षमता में चार गुना वृद्धि की और इसे शुरुआती एफ-16 वेरिएंट के स्तर तक लाया गया। इस समय भारतीय वायुसेना के पास 50 मिग-21 बाइसन बचे हैं।  
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