NHM: मुख्यालय पर तैनात कंसल्टेंट्स की संविदा पर कार्यरत पत्नियों पर मिशन निदेशक पंकज कुमार मेहरबान, लगभग दोगुनी सैलरी का केंद्र को भेजा प्रस्ताव!

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लखनऊ। बीते महीनों राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की महाप्रबंधक मानव संसाधन सुधा यादव ने संविदा पर कार्यरत उन कंसलटेंट की पत्नियों की सैलरी में बेतहाशा इजाफा पर अगले आदेश तक रोक लगा दिया था।

जिनके पति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) मुख्यालय में कंसलटेंट के पद पर कार्यरत हैं, तो लगा कि पहले से ही भ्रष्टाचार को लेकर बदनाम NHM की भ्रष्ट कार्यप्रणाली पर लगाम लगेगी। पर यह विश्वास ज्यादा दिन तक नहीं टिक सका। मौजूदा समय में एक बार फिर इनमें से एक कंसलटेंट की वाइफ की सैलरी बढाने की कार्यवाही ने गति पकड़ ली है।

जिसके लिए Program Implementation Plans (PIPs) यानि पीआईपी का सहारा लिया गया है। इसमें NLEP कार्यक्रम में बीएफओ कम एडमिन आफिसर के पद पर नियुक्त संविदाकर्मी मीनाक्षी द्विवेदी की करीबन दोगुनी सैलरी का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है।

दरअसल, NLEP कार्यक्रम में बीएफओ कम एडमिन आफिसर के पद पर नियुक्त संविदाकर्मी मीनाक्षी द्विवेदी की सैलरी मार्च 2019 में बढाकर 46 हजार करने का प्रस्ताव दिया गया था। जब​कि उनकी सैलरी करीबन 33 हजार थी। मिशन निदेशक पंकज कुमार ने इसका संज्ञान लेते हुए स्वयं डीजी हेल्थ से इनकी सैलरी बढाए जाने का औचित्य पूछा था।

जिस पर संबंधित योजनाओं के कर्ताधर्ता अपनी मुहर लगा चुके थे। इसके बाद महाप्रबंधक मानव संसाधन सुधा यादव ने संविदा पर कार्यरत मीनाक्षी की सैलरी में बेतहाशा इजाफा पर अगले आदेश तक रोक लगा दिया था। अब एक बार फिर केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव में उसी आदेश की आड़ में मीनाक्षी द्विवेदी की सैलरी करीबन दोगुनी करने का प्रस्ताव पीआईपी के माध्यम से भेजा गया है।

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आपको जानकर हैरानी होगी कि इसमें 10 प्रतिशत लायबिलिटी बोनस और 5 प्रतिशत मानदेय बढाने का अनुरोध भी किया गया है। सूत्रों का कहना है कि यह सब उच्चाधिकारियों के संरक्षण में हो रहा है। विभागीय जानकारों का कहना है कि योगी सरकार में एनएचएम में जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।

दरअसल, बीते मार्च महीने में इनकी सैलरी में आनन फानन में बेतहाशा इजाफा कर दिया गया था। उनकी सैलरी पहले से दोगुनी या डेढ गुनी बढाई गई थी। जबकि नियमों के मुताबिक संविदा कर्मियों की सैलरी में एक साल की सेवा पूरी होने पर 5 फीसदी ही बढोत्तरी की जा सकती है।

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upkiran.org में खबर प्रकाशित होने के बाद मिशन मुख्यालय में हड़कम्प मच गया। चहेतों को रेवड़ी बांटने के लिए किए गए आदेश में अपनी गर्दन फंसती देख अफसरों ने मानदेय बढाने संबंधी आदेश की समीक्षा का निर्णय लिया और 13 अप्रैल को एक नया आदेश जारी कर 27 मार्च को मानेदय बढाने संबंधी जारी पुराने आदेश को स्थगित कर दिया था। इस मामले में जानकारी के लिए जब मिशन निदेशक पंकज कुमार से उनके मोबाइल नंबर पर सम्पर्क किया गया। तो उनका मोबाइल नहीं उठा।

क्या है मामला

जब एनएचएम के तहत कार्यरत संविदा कर्मियों का मानदेय आनन फानन में बढा तो मामले ने तूल पकड़ लिया था। पता चला कि NLEP कार्यक्रम में बीएफओ कम एडमिन आफिसर के पद पर नियुक्त संविदाकर्मी मीनाक्षी द्विवेदी की सैलरी 33 हजार से बढकर 46 हजार कर दी गई थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि मीनाक्षी द्विवेदी ने बीते 11 मार्च को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय को पत्र लिखकर 10 प्रतिशत लायबिलिटी बोनस और 5 प्रतिशत मानदेय बढाने का अनुरोध किया था। इस पत्र के जवाब में महाप्रबंधक राष्ट्रीय कार्यक्रम डा अश्विनी कुमार ने संयुक्त निदेशक, कुष्ठ को पत्र लिखकर प्रस्ताव मांगा था और इसके तुरंत बाद 27 मार्च को उनकी मानदेय में बेतहाशा बढोत्तरी कर दी गई थी।

 

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