मोदी सरकार ने हासिल की एक और बड़ी उपलब्धि, GST के कारण बढ़ी ईमानदारी, जानें कैसे

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नई दिल्ली॥ GST की व्यवस्था के चार साल पूरा होने पर मोदी सरकार ने आज दावा किया कि इस व्यवस्था के कारण देश में ईमानदारी के साथ करों का भुगतान करने की प्रवृत्ति बढ़ी है। इसकी वजह से इस व्यवस्था के शुरू होने के बाद के 4 वर्षों में अभी तक 66 करोड़ से ज्यादा रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। वहीं इन 4 वर्षों के दौरान करदाताओं की संख्या बढ़कर करीब 13 करोड़ तक पहुंच गई है।

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देश में 1 जुलाई 2017 को वस्तु एवं सेवा कर (GST) की व्यवस्था लागू की गई थी। इस व्यवस्था के तहत उत्पाद शुल्क, वैट, सर्विस टैक्स और 13 उपकर समेत कुल 17 स्थानीय करों को एक साथ समाहित कर दिया गया था। इस व्यवस्था के लागू हो जाने के बाद से ही अधिकांश चीजों की कीमत देश के हर राज्य में लगभग समान हो गईं। जबकि पहले हर राज्य में स्थानीय कर की दर अलग-अलग होने की वजह से हर चीज की कीमत अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती थी।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के ट्विटर हैंडल पर जारी एक पोस्ट में कहा गया है कि GST की व्यवस्था ने देशभर के सभी करदाताओं के लिए इसका अनुपालन आसान बना दिया है। GST के तहत व्यवसायी वर्ग में डेढ़ करोड़ रुपये तक के टर्नओवर का व्यवसाय करने वाले लोग कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं। इसके तहत वे सिर्फ 1 फीसदी टैक्स का भुगतान कर सकते हैं।

इसके अलावा 40 लाख रुपये तक का सालाना कारोबार करने वाले व्यवसायियों को टैक्स से छूट दी गई है। इसी तरह सर्विस सेक्टर में 1 साल में 20 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाले व्यवसायियों को भी GST से छूट दी गई है। जबकि सालाना 50 लाख रुपये तक की सर्विस उपलब्ध कराने वाले कारोबारियों के लिए कंपोजिशन स्कीम का विकल्प दिया गया है, जिसके तहत उन्हें केवल 6 फीसदी टैक्स का भुगतान करना पड़ता है।

मंत्रालय के ट्वीट में दावा किया गया है कि GST को उपभोक्ताओं और करदाताओं दोनों के अनुकूल पाया गया है। GST लागू होने के पहले की व्यवस्था में टैक्स की ऊंची दरों के कारण लोगों में टैक्स देने की जगह उनको छिपाने की प्रवृत्ति अधिक थी लेकिन GST के तहत सभी करों को समाहित कर एक कर का रूप दे देने और उसके दर को तुलनात्मक रूप से कम लगाए जाने की वजह से लोगों में टैक्स के भुगतान की प्रवृत्ति बढ़ी है। यही कारण है कि पिछले चार वर्षों के दौरान अभी तक 66 करोड़ से अधिक GST रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं।

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