नई दिल्ली ।। मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के विरूद्ध सख्त रूख अपनाते हए 22 टैक्स अफसरों को जबरन सेवा से मुक्त कर दिया। मोदी सरकार ने CBIC में सुपरिटेंडेंट और एओ स्तर के 22 सीनियर अफसरों को नौकरी से जबरन रिटायर कर दिया। इनमें से कई अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं जबकि कुछ को सीबीआइ ने पकड़ा है। इस साल जून के बाद ये तीसरा मौका है जब सरकार ने भ्रष्ट अफसरों के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए उन्हें नौकरी से निकाला है।
इससे सरकार ने एक बार फिर ये स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार और अक्षमता के विरूद्ध उसकी कार्रवाई जारी रहेगी। सूत्रों के अनुसार,सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन्डायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) ने फंडामेंटल रूल 56 (जे) का प्रयोग करते हुए जिन अफसरों को जबरन रिटायर किया है उनमें सीजीएसटी जोन नागपुर, भोपाल, चेन्नई, बेंगलुरु, दिल्ली, जयपुर, कोलकाता, मेरठ और मुंबई तथा कस्टम के जोन बेंगलुरु, मुंबई और चंडीगढ़ के अफसर शामिल हैं।
CBIC ने ये कदम पीएम मोदी के 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद उठाया है। पीएम मोदी ने कहा था कि टैक्स प्रशासन को कलंकित करने वाले कई ऐसे अफसर हैं जिन्होंने हो सकता है कि अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर ईमानदार टैक्सपेयर्स को तंग किया हो।
सरकार ऐसे व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेगी, इसलिए हाल में कई ऐसे अफसरों को नौकरी से निकाला गया है। CBIC के इस कदम से पूर्व सरकार ने फंडामेंटल रूल 56 (जे)का इस्तेमाल करते हुए 27 IRS अफसरों को जबरन रिटायर किया था जिसमें 12 अफसर CBDT के थे।