नई दिल्ली॥ मोदी सरकार ने भीषण वित्तीय संकट से गुजर रही सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कम्पनी Air India (एअर इण्डिया) को बेचने का निर्णय ले लिया है। सरकार ने अपनी विमानन कम्पनी में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोली आमंत्रित की है। बोली लगाने की अंतिम तिथि 17 मार्च निर्धारित की गई है।
सरकार ने सहायक कम्पनी एअर इंडिया एक्सप्रेस और हवाई अड्डे सर्विस कम्पनी एआईएसएटीएस को भी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की है। Air India (एअर इण्डिया) को बेचने के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने हाल में ड्राफ्ट को मंजूरी दी है। गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाले जीओएम बैठक में यह फैसला हुआ था। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पहले ही कहा था कि कुछ समय से Air India (एअर इण्डिया) का कर्ज बढ़ता जा रहा है, जिसे अब जारी नहीं रखा जा सकता है।
गौरतलब है कि सरकार ने बीते वर्ष 76 फीसदी शेयर बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं, लेकिन उसे कोई खरीदार नहीं मिला। इसके बाद ट्रांजेक्शन एडवाइजर ईवाय ने बोली प्रक्रिया विफल रहने के कारणों पर रिपोर्ट तैयार की थी।
आपको बता दें कि कम्पनी पर लगभग 60 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है और सरकार अभी भी विनिवेश के तौर-तरीकों पर काम कर रही है। खतरे की घंटी बजाते हुए एक अफसर ने कहा कि यदि जून तक खरीददार नहीं मिला तो Air India (एअर इण्डिया) का हाल भी जेट एयरवेज जैसा हो सकता है। उन्होंने कहा था कि इसके लंबे समय तक चलने की संभावना नहीं है। सरकार कर्ज में फंसी कम्पनी में और अधिक पैसे लगाने से इनकार कर चुकी है।