‘MODI है तो भारत में मुमकिन है’ : कच्छ बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का केन्द्र

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प्रधानमंत्री NARENDRA MODI कच्छ की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आज दुनिया के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा पार्क निर्माण के लिए वर्चुअल तरीके से भूमि पूजन करेंगे। इस परियोजना के पूरा होने पर नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में केन्द्र सरकार की बड़ी उपलब्धि होगी।

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प्रधानमंत्री (MODI) कार्यक्रम के लिए धोर्डो टेंट सिटी से 500 मीटर दूर 500 लोगों की क्षमता वाला एक विशाल पंडाल बनाया गया है। यही से प्रधानमंत्री राज्य की तीन बड़ी परियोजनाओं का वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से भूमि पूजन करेंगे। इस योजनाओं में से एक अडानी समूह की कंपनी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की ओर से कच्छ की सीमा पर दुनिया का सबसे बड़ा सौर पार्क बनाया जाना है।

यहां 30,000 मेगावाट के हाइब्रिड पार्क का निर्माण करना है, जिसमें 9,500 मेगावाट की सबसे बड़ी सौर और पवन परियोजना को धरातल पर उतारा जायेगा। अभी इस योजना के पहले चरण का कार्य शुरू होगा, जिसका बाद में विस्तार किया जायेगा। इसके तैयार होने से न केवल गुजरात बल्कि भारत में भी सौर ऊर्जा का लक्ष्य पूरा करने में मदद मिलेगी। इस पार्क के तैयार होने से 1.35 लाख करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने 2022 तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है। गुजरात सरकार स्वयं नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। वर्तमान में राज्य के पास बिजली उत्पादन क्षमता के 30,500 मेगावाट के मुकाबले 11,264 मेगावाट अक्षय ऊर्जा है।

नवीकरणीय ऊर्जा का महत्व

दरअसल, मोदी (MODI) सरकार का विजन है कि प्राकृतिक संसाधनों का भरपूर प्रयोग कर देश में नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाया जाये। नवीकरणीय ऊर्जा प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर करती है। इसमें सौर ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, पवन, ज्वार, जल और बायोमास के विभिन्न प्रकारों को शामिल किया जाता है। सबसे खास बात यह है कि यह कभी भी समाप्त नहीं हो सकती है। यह न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं बल्कि इनके साथ कई प्रकार के आर्थिक लाभ भी जुड़े होते हैं।

प्रज्ञा ठाकुर हमें न बताएं कि कौन शूद्र है और कौन आतंकवादी! 
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