नई दिल्ली॥ लद्दाख के पैंगोंग सेक्टर में 29/30 अगस्त की रात को हुई झड़प के बाद से चीन के होश उड़े हैं। चीनी गवर्मेंट हिंदुस्तान के पलटवार से कितना भयभीत है उसका पता उसके भाषणों को सुनने से लग रहा है। चीन ने झड़प की मीडिया कवरेज शुरू होने के 24 घंटे के अंदर पांच बयान जारी किया है। जिसमें दो बयान चीन के विदेश मंत्रालय, 1 बयान चीनी आर्मी, 1 बयान चीनी विदेश मंत्री और 1 बयान हिंदुस्तान स्थित चीनी दूतावास का का है।
सोमवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिन ने कहा था कि चीन के सैनिक हमेशा से कड़ाई से वास्तविक नियंत्रण रेखा का पालन करते हैं। वे कभी LAC को पार नहीं करते हैं। दोनों ही तरफ की आर्मीएं वहां की स्थिति को लेकर बातचीत कर रही हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों पक्ष आपस में बैठक कर रहे हैं, इस झाओ लिजिन ने कहा, ‘दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य माध्यमों से संपर्क में हैं। अगर कोई बातचीत हो रही है तो उसके बारे में हम समय पर जानकारी साझा करेंगे।
सोमवार रात को चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने पीएलए के पश्चिमी कमान के हवाले से कहा कि हिंदुस्तानीय आर्मी ने दोनों देशों के बीच जारी बातचीत में बनी सहमति का उल्लंघन किया है। सोमवार को हिंदुस्तानीय आर्मी ने जानबूझकर वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार किया और जानबूझकर उकसावे की कार्रवाई की।
यूरोप दौरे पर पहुंचे चीन के विदेश मंत्री वॉन्ग यी ने पेरिस में फ्रेंस इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनैशनल रिलेशन्स में कहा कि हिंदुस्तान-चीन सीमा का सीमांकन अभी होना बाकी है और इसकी वजह से हमेशा परेशानियां रहेंगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को अपने नेतृत्व के बीच कायम सहमति को लागू करना चाहिए और मतभेदों को विवादों में बढ़ने नहीं देना चाहिए। उन्होंने एक बार फिर हिंदुस्तान के साथ बातचीत के जरिए मुद्दा सुलझाने की बात दोहराई है। उन्होंने कहा, ‘ड्रैगन और हाथी के एक-दूसरे से लड़ने की जगह, ड्रैगन और हाथी को साथ में डांस करना चाहिए, एक और एक दो नहीं, 11 भी हो सकते हैं।’
राजधानी दिल्ली में चीनी दूतावास ने भी पैंगोंग में हुई झड़प पर बयान जारी किया है। दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने चीन ने हिंदुस्तान के सामने ताजा हालात पर विरोध दर्ज कराया है। इस दौरान दूतावास ने अपील करते हुए कहा कि हिंदुस्तान बॉर्डर से सैनिकों को वापस बुलाया जाए, ताकि किसी भी तरह से स्थिति ना बिगड़े। उन्होंने आरोप लगाया कि 31 अगस्त को हिंदुस्तान के जवानों ने बीते दिनों हुए सभी समझौतों को तोड़ा और पैंगोंग झील के पास घुसपैठ की कोशिश की।
चीनी विदेश मंत्रालय ने 01 सितंबर को फिर कहा कि यथास्थिति बनाए रखने के लिए हिंदुस्तानीय आर्मी को पीछे लौटना होगा। सीमा विवाद को दोनों पक्ष बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन की आर्मी ने LAC को पार नहीं किया है। हमारी एक इंच भूमि भी किसी दूसरे के कब्जे में नहीं है।