बाबरी मस्जिद को लेकर फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएगा मुस्लिम समुदाय, अयोध्या से अब॰॰॰

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उत्तर प्रदेश ॥ अयोध्या में देश की सर्वोच्च अदालत के राम जन्मभूमि फैसले के बाद का मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है वहीं अब बाबरी मस्जिद ऐक्शन कमेटी (बीएमएसी) अगले हफ्ते बाबरी मस्जिद के अवशेषों पर दावा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। मुस्लिम पक्ष विवादित जगह से बाबरी मस्जिद के अवशेष हटवाना चाहता है।

मालूम हो कि मोदी सरकार ने राम मंदिर के निर्माण के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन का ऐलान कर दिया है जिसमें 15 सदस्य होंगे। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, मुस्लिम पक्ष को मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन भी आवंटित कर दी है।

कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा, ‘हमने अपने वकील राजीव धवन के साथ चर्चा की है और उनका भी विचार है कि हमें मस्जिद के अवशेष पर दावा करना चाहिए। लिहाजा हम अगले सप्ताह दिल्ली में बैठक कर प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे।’ उन्होंने कहा कि मुझे अयोध्या के लोगों ने आश्वासित किया है कि वे मलबे को रखने के लिए जमीन की व्यवस्था करेंगे।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में बाबरी मस्जिद सेल के चेयरमैन एसक्यूआर इलियास ने कहा, ‘हम अयोध्या विवाद में अपने पक्षकारों के जरिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण शुरू होने से पहले विवादित स्थल से मस्जिद के अवशेष हटाया जाना जरूरी है।

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अयोध्या के जाने-माने मौलवी सैयद एखलाक अहमस ने इसकी पुष्टि की कि उन्होंने उस जमीन की जांच पड़ताल की है जहां मस्जिद के अवशेष को रखा जा सकता है। मुस्लिमों के दावे पर रामलला के सखा त्रिलोकीनाथ पांडे ने कहा, ‘हमें मुस्लिमों के मस्जिद के मलबे को इकट्ठा करने में कोई ऐतराज नहीं है। इससे भाईचारे और सामाजिक सौहार्द को मजबूती मिलेगी।’

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