मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत : किसानों का अब तक का सबसे बड़ा जुटान!

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लखनऊ। नए कृषि कानूनों के विरोध में कल रविवार को मुजफ्फरनगर में आयोजित किसान महापंचायत होगी। यूपी विधानसभा चुनाव से पूर्व हो रही किसानों की इस महापंचायत से यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। किसान नेता राकेश टिकैत ने इस पंचायत में बड़ी तादाद में किसानों के शामिल होने का दावा किया है। टिकैत ने कहा कि यदि किसानों को महापंचायत तक पहुंचने से रोका जाता हैं, तो हम बैरियर तोड़ते हुए पहुंचेंगे।

उल्लेखनीय है कि सभी स्थानीय खापों और किसान संघों के अलावा, सभी गैर-बीजेपी पार्टियों ने किसान महापंचायत को अपना समर्थन दिया है। राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने 4 व 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में कम से कम 10,000 किसानों के ठहरने की व्यवस्था करेगा। किसान महापंचायत में देश के कई राज्यों से बड़ी तादाद में किसानों का पहुंचना शुरू हो गया है।

जानकारी के मुताबिक़ मुजफ्फरनगर महापंचायत में एसकेएम मिशन यूपी के तहत अपने अगले बड़े कदम की घोषणा करेगा। इस महापंचायत का लक्ष्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ किसानों को बड़े पैमाने पर लामबंद करना है। राकेश टिकैत ने कहा कि यूपी में किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बिजली की दरें यूपी में सबसे ज्यादा हैं। साढ़े चार साल से गन्ने की कीमत नहीं बढ़ी है।

किसान नेताओं का दावा है कि यह महापंचायत किसानों की अब तक की सबसे बड़ी पंचायत होगी। इस महापंचायत में किसान उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार सुनिश्चित करने की रणनीति तैयार करेंगे। भारतीय किसान संघ के नेता धर्मेन्द्र मलिक ने कहा है कि केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों को लेकर हमारी शिकायतें सुनने के लिए तैयार नहीं है। यह सरकार चंद पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों के खात्मे पर तुली हुई है।

किसान महापंचायत को लेकर पुलिस – प्रशासन ने सुरक्षा के सख्त इंतजाम किये है। छह जिलों के करीब 1000 पुलिसकर्मी कार्यक्रम स्थल की ओर जाने वाले राजमार्गों और लिंक रोड पर तैनात रहेंगे। महापंचायत के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए डिजिटल कैमरों से लैस विशेष ड्रोन हर सेकंड घटना की लाइव तस्वीरें भेजेंगे। इसके अलावा सभी चौराहों पर सीसीटीवी लगाए गए हैं।

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