सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पूरे उत्तर भारत में नाग पंचमी (Nag Panchami 2022) का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है इस दिन नागों की पूजा करने का विधान है। यह त्योहार भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है। भारत के दक्षिण महाराष्ट्र और बंगाल में इसे विशेष मान्यता है । पश्चिम बंगाल, असम और उड़ीसा के कुछ भागों में इस दिन नागों की देवी मां मनसा की विधि विधान से आराधना की जाती है। केरल के मंदिरों में भी इस दिन शेषनाग की विशेष पूजा करने का विधान है। आइये जानते हैं कि आखिर क्यों मनाई जाती है नाग पंचमी?
हिंदू धर्मग्रन्थों में नाग को देवता का दर्जा दिया गया है। इसके पीछे कई मान्यताएं हैं। कहते हैं कि शेषनग के फन पर यह पृथ्वी टिकी है और भगवान विष्णु क्षीरसागर में शेषनाग की शैय्या पर सोते हैं। (Nag Panchami 2022)
एक मान्यता ये है कि भोलेनाथ के गले में सर्पों का हार है और भगवान श्री कृष्ण के जन्म पर आधीरात को नाग की सहायता से ही वासुदेव जी ने उफान मारती यमुना नदी पार की थी।(Nag Panchami 2022)
माना जाता है कि समुद्रमंथन के समय देवताओं की मदद भी वासुकी नाग ने ही की थी। ऐसे में नागपंचमी के दिन नाग देवता का आभार व्यक्त करने के लिए ये पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।(Nag Panchami 2022)
एक कारण ये भी कि अर्जुन के पोते और परीक्षित के पुत्र जन्मजेय ने नागों से बदला लेने और उनके पूरे कुल का नाश करने के लिए नाग यज्ञ कराया था क्योंकि उनके पिता परीक्षित को तक्षक सांप ने डंस लिया था जिससे उनकी मौत हो गई थी इसे पर नागों की रक्षा के लिए ऋषि जरत्कारु के पुत्र आस्तिक मुनि ने इस यज्ञ को रोक दिया था। कहा जाता है कि जिस दिन उन्होंने यज्ञ बंद किया वह दिन श्रावण मॉस की शुक्ल पंचमी थी।(Nag Panchami 2022)
पुराणों में बताया गगया है कि नाग पंचमी पर की जाने वाली पूजा से राहु केतु के बुरे प्रभाव और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान शंकर हमेशा अपने गले में वासुकि नाग को धारण किए रहते हैं इसलिए नाग की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है।
कहते हैं कि बारिश के मौसम में सांपों के बिलों में पानी भर जाने की वजह से वो बिल बाहर निकल कर अन्य सुरक्षित स्थान पर जाने का प्रयास करते हैं। ऐसे में उनकी रक्षा और सर्पदंश के भय से मुक्ति पाने के लिए भारतीय संस्कृति में नागपंचमी के दिन नाग के पूजन का विधान है। (Nag Panchami 2022)