नाओमी ओसाका ने जीता टेनिस जीवन का तीसरा ग्रैंड स्लैम, फ़ेस मास्क के ज़रिये नस्लीय भेदभाव को बख़ूबी बनाया हथियार  

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न्यूयॉर्क, 13 सितंबर यूपी किरण जापान की नाओमी ओसाका ने शनिवार को यूएस ओपन के महिला एकल फ़ाइनल के पहले सेट में पराजय के बाद लगातार तीन सेटों में विक्टोरिया अज़ारेंका को परास्त कर यूएस ओपन में दूसरी बार और टेनिस जीवन का तीसरा ग्रैंड स्लैम जीत लिया। पहले सेट में पराजय के बाद तीन सेटों में ख़िताब जीतने का यह अवसर 25 वर्षों बाद आया है। 1994 में अरंतक्षा साँचेज ने पहला सेट गँवा कर ख़िताब जीता था। दूसरे सेट में नाओमी जब वह तीन गेम में पिछड़ रही थीं, उसे ब्रेक प्वाइंट मिलने से खेल का पासा ही पलट गया। 

जापान में जन्मी और अमेरिका में प्रशिक्षित 22 वर्षीय ओसाका की यह जीत यों भी यादगार रहेगी कि  23 हज़ार दर्शकों से खचाखच भरे रहने वाले आर्थर एश टेनिस स्टेडियम में कोरोना काल में टूर्नामेंट से जुड़े आयोजक मौजूद थे। इसलिए यहाँ न तो कोई तालियाँ बजाने वाला था और न ही उसके सर्विस अथवा पहले ही सेट में एक ख़राब फ़ोरहैंड शाट पर चिल्लाने वाला दर्शक ही था। पूर्व चैम्पियन बिली जिन किंग ने नाओमी की जीत पर ख़ुशी व्यक्त करते हुए बधाई दी है।

अश्वेत नाओमी इसलिए भी चर्चा में रही कि वह महिला एकल फ़ाइनल के दिन जैसे ही स्टेडियम में दाख़िल हुईं, उसके काले रंग के फ़ेस मास्क पर श्वेत अक्षरों में एक 12 वर्षीय अश्वेत बालक तामीर राइस का नाम अंकित था, जो सन 2014 में ओहायो में पुलिस के हाथों मारा गया था।  ‘ब्लैक लाइव मैटर’ का झंडा बुलंद करने के इरादे से आर्थर एश स्टेडियम में प्रवेश के समय उसके मुँह पर बरेओंना टेलर, एलिजा मेकेन, तरयोन मार्टिन, अहमद आर्बेरी, जार्ज  फ़्लॉड और फ़िलांडो कसटिले अश्वेत नाम अंकित थे। असल में वह इलेक्ट्रोनिक मीडिया के सम्मुख अमेरिका में नस्लीय भेदभाव का एक विभत्स रूप दिखाने के लिए  उत्सुक रहीं।  टूर्नामेंट में भाग लेने से पूर्व उसकी पहली शर्त ही यह होती थी कि वह ये  फ़ेस मास्क धारण करेंगी। नाओमी ओसाका ने दावा किया है कि टेनिस कोर्ट के बाहर इस तरह के फ़ेस मास्क पहनने से उसकी ऊर्जा में अनुकूल संचार हुआ है।

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