आज बात करेंगे उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत की । तीरथ को अभी मुख्यमंत्री बने एक सप्ताह भी नहीं हुआ लेकिन उन्होंने अपने लिए सियासत की दुनिया में और मजबूत स्थान बनाने के लिए दिल्ली को ध्यान में रखते हुए ‘अभ्यास’ शुरू कर दिया है, इन दिनों मुख्यमंत्री खूब प्रसन्न नजर आ रहे हैं ।
हर रोज आए दिन कई बड़े फैसले भी कर रहे हैं । और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पुराने फैसले भी पलट रहे हैं, इसकी पल-पल की जानकारी वे दिल्ली केंद्रीय नेतृत्व को भी दे रहे हैं । लेकिन आज आपको बताएंगे तीरथ की ‘नई सियासी भक्ति’ दांंव के बारे में । यह सभी जानते हैं कि मौजूदा भाजपा में पीएम मोदी और गृहमंत्री के बिना पार्टी में कोई फैसला नहीं किया जा सकता है ।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘प्रभु राम’ से तुलना कर डाली, ‘तीरथ सिंह ने कहा कि द्वापर और त्रेता युग में श्रीराम व कृष्ण हुए। श्रीराम ने समाज के लिए काम किया, इसलिए भगवान मानने लगे। आने वाले समय में नरेंद्र मोदी को भी उसी रूप में मानने लगेंगे’। तीरथ ऋषिकुल आयुर्वेदिक महाविद्यालय में नेत्र कुंभ शिविर का उद्घाटन करने पहुंचे थे। मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में नए भारत का उदय हुआ है और विश्व पटल पर दुनिया के कई देशों ने हमारी मजबूती का लोहा माना है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है । तीरथ जानते हैं अगर राज्य में सत्ता मजबूती के साथ चलाना है तो दिल्ली हाईकमान को भी ‘साधना’ होगा । यह कोई पहला मौका नहीं है जब किसी भाजपा नेता ने पीएम मोदी को भगवान बताया हो । हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने मोदी को ‘भगवान शिव का अवतार’ बताया था।
अब देखना है तीरथ के नए भगवान बने पीएम मोदी उन पर कितनी कृपा बरसाते हैं, फिलहाल मुख्यमंत्री तीरथ पर दिल्ली हाईकमान का साथ और आशीर्वाद भरपूर मिल रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि इन भाजपा नेताओं को यह तय करना होगा अगर इनके हिसाब से नरेंद्र मोदी भगवान दिखते हैं तो कौन से? क्योंकि कोई पीएम मोदी को प्रभु श्री राम और शिव का अवतार तो कोई विष्णु का अवतार बता रहे हैं। -शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार