किसान आंदोलन पर नरेश टिकैत ने की बड़ी घोषणा, मच गया बवाल

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अन्नदाता बीते एक वर्ष से गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर समेत अन्य स्थानों पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि हाल ही में भारतीय पीएम ने किसानों से माफी मांगते हुए तीन कृषि बिल रद्द करने की घोषणा भी कर दी, किंतु उसके बावजूद भी किसान तीनों कृषि कानूनों को सदन में रद्द करने के अलावा एमएसपी सहित कई मांगों पर अड़े हुए हैं।

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किसान विरोध प्रदर्शन को लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने बयान दिया है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा है।

चौधरी नरेश टिकैत बीती रात्रि मुजफ्फरनगर पहुंचे जहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वर्षों का आंदोलन घंटों में नहीं खत्म हो सकता। उन्होंने कहा कि पहले बातचीत होगी और किसानों की दूसरी मांगों पर सरकार से बात की जाएगी। हालांकि अंतिम निर्णय संयुक्त किसान मोर्चा को ही लेना है।

सूत्रों के अनुसार आज किसान आंदोलन एक वर्ष पूरा होने पर गाजीपुर सरहद पर आंदोलन की पहली वर्षगांठ मना सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसान आंदोलन को कुचलना चाहती थी। आंदोलन के दौरान अन्नदाताओं को अलग-अलग तरह के नाम भी दिए गए। किसानों की कुछ मांगे हैं जिन पर सरकार बात करें।

टिकैत ने आगे कहा कि केंद्र और राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, जिन्हें किसानों की बातें माननी चाहिए मगर सरकार है कि अपनी जिद पर अड़ी हुई है। वरना किसान तो अपना आंदोलन कभी का खत्म कर देते। क्योंकि सरकार किसानों की बातें नहीं मान रही है इस वजह से किसान भी धरने प्रदर्शन को मजबूर है।

 

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