इस बात को लेकर बौखलाया चीन

img

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर। पूर्वी लद्दाख में चल रहे सैन्य गतिरोध के बीच अमेरिका के भारत को मिले समर्थन से चीन बौखला गया है और उसने इस पर कड़ा एतराज जताते हुए इसे द्विपक्षीय मामला बताया है।

bharat china

भारत में चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा है कि दो देशों के संबंध से किसी तीसरे देश के वैध अधिकारों और हितों का हनन नहीं होना चाहिए। भारत-चीन सीमा गतिरोध द्विपक्षीय मामला है और अमेरिका को इससे दूर रहना चाहिए।

वक्तव्य में कहा गया है कि चीन भारत के साथ लगती सीमा पर सैन्य और राजनयिक माध्यमों से सैन्य तैनाती हटाने और आपसी तनातनी कम करने के लिए प्रयासरत हैं। चीन और भारत इतनी समझ और क्षमता रखते हैं कि वह अपने मतभेद ठीक प्रकार से सुलझा सकें। इसमें किसी तीसरे देश के हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है।

चीन ने भारत-प्रशांत रणनीति को प्रतिस्पर्धा और प्रतिद्वंधों की जनक बताते हुए इसे अमेरिका की क्षेत्र में अपने प्रभाव को बनाए रखने की साजिश करार दिया। चीन ने अमेरिका पर शीत युद्ध की मानसिकता अपनाने का आरोप लगाते हुए ‘टू प्लस टू’ वार्ता के दौरान अमेरिका के विदेश और रक्षा मंत्री के चीन और चीन की साम्यवादी सरकार पर लगाए गए आरोपों पर कड़ा विरोध जताया है।

दूतावास के वक्तव्य में कहा गया है कि मंगलवार को अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने खुले तौर पर चीन और चीन की साम्यवादी सरकार पर भारत यात्रा के दौरान हमला किया है जिसका चीन कड़ा विरोध करता है। यह अंतरराष्ट्रीय संबंध और राजनयिक मानदंडों के खिलाफ है।

चीन ने अमेरिका को सलाह दी है कि उसे सच्चाई स्वीकार करते हुए फायदे-नुकसान में चीजों का आकलन करने की नीति छोड़ देनी चाहिए। इससे क्षेत्र की शांति और स्थिरता प्रभावित होती है। अमेरिका के कोरोना वायरस को लेकर चीन पर निशाना साधने के जवाब में अपनी साम्यवादी सरकार की प्रशंसा की है और अमेरिकी नेतृत्व पर बीमारी से लड़ने में नाकाम रहने पर दूसरों पर दोषारोपण करने का आरोप लगाया है।

Related News