राष्ट्रीय मिर्गी दिवस : जूता- चप्पल जैसे देसी इलाज के अलावा डॉक्टरों की भी ये सलाह माने

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हेल्थ डेस्क। मिर्गी को लेकर हमारे देश मे बहुत सा भ्रम में है, जिसको लेकर जागरूकता फैलनी चाहिए। अक्सर मिर्गी का दौरा पड़ते ही रोगी को तुरंत जूता, चप्पल या मोजे सूंघाने की बात करते हुए कई लोगों को आपने भी सुना होगा।

मीर्गी के दौरे को लेकर देश के अधिकतर हिस्सों में यही माना जाता है कि जूता या चप्पल सूंघाने से रोगी को राहत मिलती है, लेकिन 17 नवंबर को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय मिर्गी दिवस के मौके पर हम आपको बता रहे हैं इसपर विशेषज्ञों की क्या राय है।

एक मीडिया वार्ता के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि 90 फीसदी दौरे 2 मिनट के होते हैं। दौरा 5 मिनट से ज्यादा का है तो नाक के जरिये दवा दी जाती है। आपको बता दें कि अगर दौर लंबा हो तो मुंह के जरिए कुछ भी नहीं देना चाहिए। 5 मिनट से ज्यादा के दौरे की स्थिति में मरीज को अस्पताल ले जाना चाहिए।

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इस दौरान डॉक्टर ने बताया कि  मिर्गी का रोगी महज आधे घंटे में ठीक हो जाता है। इन रोगियों को नौकरी से निकालना या समाज में भेदभाव करना गलत है। बत्रा अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ. संजीव कुमार के मुताबिक, दुनियाभर में मिर्गी के रोगियों में से करीब 16 प्रतिशत भारत में हैं। इनकी संख्या करीब 1.20 करोड़ है।

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