सेप्टिक टैंक से निकली जहरीली गैस के कारण हुई मौत के कारणों की जांच में जुटी NDRF की टीम, सामने आयी ये बात

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देवघर। देवघर के उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी कमलेश्वर प्रसाद सिंह के निर्देशानुसार एनडीआरएफ निरीक्षक ओपी गोस्वामी के नेतृत्व में NDRF टीम के द्वारा देवीपुर में हुई सेप्टिक टैंक घटना की जांच-पड़ताल की गई। इस दौरान टैंक में गैस के बढ़े दबाव को कम करने हेतु NDRF टीम द्वारा सेप्टिक टैंक से Smoke Ventilator के माध्यम से जहरीली गैस को निकाला गया एवं टीम के सदस्यों द्वारा CBRN सूट पहन कर सेप्टिक टैंक में उतर कर जांच की गई। तत्पश्चात सुरक्षात्मक उपकरणाें का प्रयोग करते हुए उक्त टंकी में गैस के प्रभाव को खत्म कर उसे सुरक्षित किया गया।

septik tank

इस संबंध में NDRF निरीक्षक ओपी गोस्वामी द्वारा जानकारी दी गई कि बंद सेप्टिक टैंक या अन्य कोई भी बंद जगह पर जाने से पहले ऑक्सीजन की मात्रा अवश्य रूप से जांच कर ली जानी चाहिए जैसा कि अभी NDRF के टीम द्वारा किया गया। इसके तहत सेप्टिक टैंक में ऑक्सिजन के स्तर की जांच करने केलिए सेप्टिक टैंक में मोमबत्ती जलाकर डाला गया एवं जैसे ही मोमबत्ती को सेप्टिक टैंक में ले जाया गया तो मोमबत्ती बुझ गयी । क्योंकि ऑक्सिजन एक ऐसा गैस है जो जलने में सहायक होता है और सेप्टिक टैंक में ऑक्सिजन की कमी होने के वजह से ही मोमबत्ती बुझी।

इस प्रकार हमें पता चल पाया कि सेप्टिक टैंक में ऑक्सीजन की कमी है, जिसमें उतारना खतरनाक है। अतः आवश्यक है कि जब कभी भी सीवर या सेप्टिक टैंक की सफाई की जाए तो उस दौरान सर्वप्रथम सेप्टिक टैंक में ऑक्सीजन की उपस्थिति की जांच करते हुए सभी आवश्यक सावधानियां बरती जाए, ताकि इस प्रकार का घटना दुबारा घटित न हो।

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