इस संसार में मां को सबसे ऊंचा दर्जा प्राप्त होता है। मां अपने बच्चे की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती हैं। हर व्यक्ति को अपनी मां का सम्मान करना चाहिए। आचार्य चाणक्य के अनुसार जन्म देने वाली मां के अलावा ये चार स्त्रियां भी मां के समान ही होती हैं। इन स्त्रियों का भी हमेशा सम्मान करना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार राज्य के राजा या शासक की पत्नी भी मां के समान ही होती है। हर व्यक्ति को राज्य के राजा या शासक की पत्नी को मां के समान ही सम्मान देना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार गुरु की पत्नी मां के समान ही होती है। हर व्यक्ति को गुरु की पत्नी को मां के समान ही सम्मान देना चाहिए।
मित्र या बड़े भाई की पत्नी को भाभी कहते हैं। भाभी को मां के समान ही दर्जा दिया जाता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार हर व्यक्ति को मित्र या बड़े भाई की पत्नी को मां के समान ही सम्मान देना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार पत्नी की मां भी मां के समान ही होती है। हर व्यक्ति को पत्नी की मां को भी के समान ही सम्मान देना चाहिए।