निर्भया केस- फांसी से बचने के लिए गुनहगारों ने चला नया पैंतरा, वकील ने कहा- ‘पागल’ है दोषी

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नई दिल्ली॥ निर्भया मामले के दोषी विनय शर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई हुई। विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा खारिज किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली अर्जी पर हुई। अपराधी के वकील एपी सिंह ने आरोप लगाया कि ऑफिशियल फाइल पर एलजी और दिल्ली के होम मिनिस्टर के हस्ताक्षर तक नहीं है। मुझे भी दया याचिका खारिज होने की सूचना वाट्सएप्प से मिली।

अदालत ने वकील एपी सिंह की ऑफिसियल डॉक्यूमेंट / फ़ाइल देखने की मांग ठुकराई। इसके बाद निर्भया केस में दोषी विनय के वकील ने फांसी टालने के लिए नया पैंतरा इस्तेमाल किया, एपी सिंह ने कहा, ‘विनय शर्मा की मानसिक स्थिति सही नहीं है, मानसिक रूप से प्रताड़ित होने की वजह से विनय मैनटल ट्रॉमा से गुज़र रहा है, इसलिए उसको फांसी नहीं दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने फ़ाइल देखी है। दया याचिका खारिज करने की सिफारिश पर एलजी , गृह मंत्री, दिल्ली सरकार के हस्ताक्षर है।

एपी सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा विनय की मेडिकल रिपोर्ट भी राष्ट्रपति के सामने नहीं रखी। अपराध में बाकी दोषियों के मुकाबले उसकी कम भूमिका की भी जानकारी को राष्ट्रपति के सामने नहीं रखा गया। उसकी खस्ता आर्थिक हालत से जुड़ी जानकारी भी राष्ट्रपति के सामने नहीं रखी गई। मुझे विनय से जुड़े दस्तावेज बार बार अनुरोध के बावजूद नहीं मिले। कोर्ट ने दोषी के वकील एपी सिंह को हिदायत दी। उन्होंने कहा, ‘रिव्यू पिटीशन का दायरा सीमित है। आप इधर उधर दलील रखने की बजाए सिर्फ अपनी पेपरबुक के मुताबिक दलीले रखें।

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एपी सिंह ने कहा, ‘विनय शर्मा के जीने के अधिकार आर्टिकल 21 का हनन है। राष्ट्रपति के पास लंबित दया याचिका की लाइन लगी हुई है लेकिन सिर्फ इस मामले में पिक एंड चूज़ की नीति को अपनाया जा रहा है, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर, स्मृति ईरानी और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने निर्भया मामले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस तक की है। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार (13 फरवरी) दोपहर 2 बजे फ़ैसला सुनाएगा।

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