नई दिल्ली॥ निर्भया कांड में 4 अपराधियों को फांसी होने में जब 80 घण्टे से भी कम समय बचा है, तब मौत की सजा पाए एक अपराधी पवन गुप्ता नया पैंतरा चला। उसने मंगलवार को फिर से नाबालिग होने का दावा करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया।
अपने एडवोकेट एपी सिंह के माध्यम से दायर की गई दूसरी उपचारात्मक (क्यूरेटिव) याचिका में पवन ने कहा कि उसके स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र (एसएलसी) में नए सबूत सामने आए हैं, जो दावा करते हैं कि जब जुर्म हुआ था, तब उसकी उम्र 16 साल थी।
याचिका में बताया गया कि नया सबूत स्कूल के रजिस्टर में सामना आया है। इसमें याचिकाकर्ता की जन्मतिथि आठ अक्टूबर 1996 बताई गई है। इसके मुताबिक, घटना के दिन उसकी उम्र 16 साल 2 महीने और 8 दिन थी। ऐसे बताया जा रहा है कि निर्भया के दोषियों की फांसी टल सकती है।
याचिकाकर्ता की तरफ से दलील में बताया गया कि नाबालिग होने के तथ्य दिल्ली पुलिस ने जानबूझकर अदालत से छिपाए। ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट ने भी इस तथ्य को नजरअंदाज किया। ये सब मीडिया और जनता के दबाव में हुआ। आपको बता दें कि निर्भया के अपराधियों को 20 मार्च को फांसी दी जानी है। याचिका में अपराधी को फांसी की सजा पर रोक लगाने की प्रार्थना की गई है। बता दें कि वकील ने पुलिस पर भी इल्जाम लगाया है।