श्रीलंका में बिजली नहीं, बाजार में मोमबत्ती नहीं, 450 रुपए में मिल रहा है पैरासिटामोल

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श्रीलंका में बुधवार से 10 घंटे की बिजली कटौती शुरू हो गई है। अब श्रीलंका के लोगों के पास बिजली पाने का और कोई साधन नहीं है। इसके साथ ही एक और चौंकाने वाली खबर यह है कि श्रीलंका के बाजार में मोमबत्तियां भी नहीं मिल रही हैं। आपको बता दें कि श्रीलंका में और भी कई जरूरी और खाने-पीने की चीजों की कमी है। यहां आने वाले सामानों की कीमतों में आई तेजी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है।

श्रीलंका में रोजाना 10 घंटे बिजली कटौती होगी। इससे लोग खासे नाराज हो गए हैं और अपना गुस्सा सरकार पर निकाल रहे हैं. यही हाल दवा की दुकानों में भी हो रहा है। दवा की दुकानों में भी दवाओं की भारी किल्लत हो गई है और जो दवाएं बची हैं उनके दाम बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं. इसके चलते स्वास्थ्य संबंधी सर्जरी भी रोक दी गई है। सिर्फ दवाएं ही नहीं, इसके साथ ही डीजल और पेट्रोल के दाम भी बढ़े हैं।

बता दें कि पेट्रोल पंप पर तेल के लिए कतार में खड़े चालकों को सीपीसी ने घर लौटने के साथ ही ईंधन की आपूर्ति के बाद आने को कहा. साल की शुरुआत से पेट्रोल में 92 फीसदी और डीजल में 76 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है. अधिकारियों के मुताबिक, सरकार को रसोई गैस और मिट्टी के तेल को इकट्ठा करने में 12 दिन लगे। 44 करोड़ की राशि जुटाने के बाद सरकार ने इनका आयात किया।

आर्थिक व्यवस्था में इतनी गिरावट के कारण श्रीलंका से लोगों का पलायन भी शुरू हो गया है। द इंडियन एक्सप्रेस की 31 वर्षीय शिक्षिका वाणी सुजाई का कहना है कि उनके पति खाड़ी देश में रहते हैं और अगर उन्हें वहां जाने का मौका मिला तो वे निश्चित रूप से चले जाएंगे। उसने बताया कि उसकी सैलरी 55 हजार है और उसका पति भी उसके लिए पैसे भेजता है, जिससे उसका घर का खर्चा चलता है, लेकिन उसका कहना है कि अगर खाने की चीजें नहीं होंगी तो पैसे खाकर गुजारा नहीं हो पाएगा।

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