महराजगंज।। जिले में जेई/ एईएस के हिसाब से उच्च जोखिम वाले गाँवों में से 38 ग्राम पंचायतों के लिए नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं , जो गाँवों में चल रहीं निरोधात्मक गतिविधियों पर नजर रखेंगे। ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग के संयुक्त तत्वावधान में प्रतिदिन रोस्टर के हिसाब से निरोधात्मक गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
मुख्य विकास अधिकारी गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि वैसे तो जिले में जेई /एईएस के मामले में करीब 50 उच्च जोखिम वाले गाँव चिन्हित हैं, जिसमें से 38 गाँवों में विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह एवं दस्तक अभियान के तहत आयोजित गतिविधियों की समीक्षा करने के लिए प्रत्येक गांव के लिए एक – एक नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं।
सभी नोडल अधिकारी अपने संबंधित गाँवों में साफ सफाई, झाड़ियों की कटाई, उथले हैंडपंप के चिन्हीकरण, खराब पड़े इंडिया मार्का हैंडपंप की मरम्मत, क्षतिग्रस्त चबूतरों की मरम्मत, नालियों की साफ सफाई, फागिंग, एंटीलार्वा का छिड़काव आदि गतिविधियों पर नजर रखेंगे। इसके साथ ही सभी आवश्यक निरोधात्मक गतिविधियों को संपादित कराएंगे।
जेई/ एईएस के मामले में उच्च जोखिम वाले जिन गाँवों पर विशेष फोकस है, उनमें खेमपिपरा, कोल्हुई, धानी, लक्ष्मीपुर, पुरैना, बैरवा चंदनपुर, हथियागढ़, महेशपुर मेहदिया, बहदुरी, लखिमा थरूआ, चेहरी, करमहा, कोटा मुकुंदपुर, नटवा, रामपुर महुअवा, औराटार, पनेवा पनेई, मिठौरा टोला हड़तोड़वा, पतरेगवा, बजही, जयश्री, शीतलापुर, हरगांवा,भगवानपुर, रूद्रापुर, भवानीपुर, अंनंतपुर, रामपुर उपाध्याय, श्यामदेउरवा, लेजार महदेवा, सेखुई, मथुरा नगर, बैकुंठपुर, महदेइया तथा सेवतरी के नाम शामिल हैं है।