देहरादून। भराड़ीसैंण-गैरसैंण में त्रिवेंद्र सरकार के आखिरी बजट सत्र का एक मार्च से आगाज होने जा रहा है। खेती-किसानी और महंगाई पर देशव्यापी हो-हल्ले के बीच विपक्ष इन दो मुद्दों को ही आगे रखकर सरकार को घेरने निकलेगा। इससे उलट स्थिति त्रिवेंद्र सरकार की होगी, जो कि अपने हर कदम को आगे बढ़ाने से पहले 2022 के प्रस्तावित विधानसभा चुनाव को जेहन में रखेगी। सरकार की कोशिश विपक्ष के हमलों का माकूूल जवाब देने की तो है ही, साथ ही यह तैयारी भी है कि कई अहम फैसले और घोषणाओं के जरिये लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचे।
बजट चार मार्च को पेश किया जाएगा
बजट सत्र दस मार्च तक प्रस्तावित किया गया है। बजट चार मार्च को पेश किया जाएगा। कोरोना के हल्के होते संक्रमण के बीच इस बार सत्र के जल्दबाजी में खत्म होने की सूरत नहीं है। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ही जमकर गैरसैंण में बैठने के मूूड में हैं। सरकार ने 2020 में बजट सत्र के दौरान गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया था। माना जा रहा है कि साल भर में गैरसैंण के विकास से जुडे़ रिपोर्ट कार्ड को तो सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सामने रखेंगे ही, साथ ही कई सारी बातों को और आगे ले जाने की भी उनकी कोशिश होगी। सरकार ने अभी उन योजनाओं के ऐलान के कोई संकेत नहीं दिए हैं, जो लोक लुभावन हो, लेकिन इतना तय माना जा रहा है कि जनता से जुडे़ फैसलो के लिहाज से यह सत्र सामान्य नहीं होगा।
विपक्ष के तरकश में कई सारे तीर
विपक्ष का जहां तक सवाल है, उसके तरकश में कई सारे तीर हैं। मगर खेती-किसानी और महंगाई उसके सबसे प्रमुख तीर होंगे। इसके अलावा, जिस तरह से बेरोजगारी के मसले पर कांग्रेस के बडे़ नेताओं ने हाल फिलहाल में सड़कों पर उतरने में दिलचस्पी दिखलाई है, उसमें माना जा रहा है कि बेरोजगारी की गूंज भी गैरसैंण विधानसभा में उठेगी।
चमोली आपदा भी एक ऐसा मुद्दा है, जिससे सत्र अनछुआ नहीं रह सकता। हालांकि सरकार की घेराबंदी के लिए विपक्ष के पास इस विषय में बहुत सारे तथ्य नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष डाॅ. इंदिरा हृदयेश कह रही हैं कि सरकार को सभी विषयों पर जवाब देना होगा। कार्यवाहक संसदीय कार्यमंत्री मदन कोशिश का कहना है कि सरकार की सत्र को लेकर पूरी तैयारी है और हर सवाल का विपक्ष को जवाब मिलेगा।